पाली जिले के जैतारण से पिछली बार विधायक चुने गए गोयल को पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया है। इससे नाराज होकर उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी को भेज दिया। उन्होंने 17 को निर्दलीय के रूप में नामांकन भरने की घोषणा कर दी।
जैतारण के निकट भाकरवास गांव में दोपहर ढाई बजे आयोजित समर्थकों की बैठक में गोयल ने तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि पार्टी का 40 साल से सदस्य हूं। मुख्यमंत्री और अमित शाह मुझे दो दिन पहले बोलते कि आपको टिकट नहीं देना चाहते तो मैं कार्यकर्ताओं से मिलता। इज्जत बचाने के लिए कहता कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है।
टिकट कटने से नाराज मंत्री सुरेन्द्र गोयल के बगावती तेवर, कर दिया यह बड़ा एेलान इसलिए चुनाव नहीं लडूंगा तब मुझे भी संतुष्टी होती। मेरा टिकट सिर्फ इसलिए काट दिया कि मैं धोक नहीं देता और चापलूसी नहीं करता। गोयल ने यह भी कहा कि उनको यह लग रहा था कि मैं लगातार जीत रहा हूं और आरएसएस के कहने में नहीं हूं।
इसलिए रातों-रात विरोध में खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि मैं छत्तीस कौम के पैंरो की रज बनकर चला हूं। मैंने कभी किसी का बुरा नहीं किया, इसलिए मुझे यह दिन देखना पड़ रहा है।
पहली सूची जारी होने के बाद बीजेपी में उठने लगे ‘बगावत’ के सुर, कई दावेदारों ने किया शक्ति प्रदर्शन भाजपा के दुपट्टे जलाए, जमकर नारेबाजी
बैठक के दौरान आक्रोशित गोयल समर्थकों ने भाजपा के दुपट्टे जलाए और जमकर नारेबाजी की। गोयल स्वयं नारेबाजी करते नजर आए। करीब ढाई घंटे से ज्यादा चली समर्थकों की बैठक में समर्थकों ने पार्टी के प्रति जमकर गुस्सा निकाला। गोयल ने भी कहा कि कार्यकर्ता जो भी आदेश करेंगे वही आगे की रणनीति बनाई जाएगी। बैठक के दौरान भाजपा के कई पदाधिकारी और वरिष्ठ कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
बैठक के दौरान आक्रोशित गोयल समर्थकों ने भाजपा के दुपट्टे जलाए और जमकर नारेबाजी की। गोयल स्वयं नारेबाजी करते नजर आए। करीब ढाई घंटे से ज्यादा चली समर्थकों की बैठक में समर्थकों ने पार्टी के प्रति जमकर गुस्सा निकाला। गोयल ने भी कहा कि कार्यकर्ता जो भी आदेश करेंगे वही आगे की रणनीति बनाई जाएगी। बैठक के दौरान भाजपा के कई पदाधिकारी और वरिष्ठ कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।