आप के बाद बसपा भी एक्टिव मोड पर
पंजाब विधानसभा चुनाव में हालिया मिली जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी ने राजस्थान में अपने चुनावी अभियान को अभी से ही रफ़्तार देना शुरू कर दिया है। आप पार्टी फिलहाल सदस्यता अभियान और संगठन विस्तार पर फोकस कर रही है। इधर बहुजन समाज पार्टी भी धीरे-धीरे ही सही अपनी पैठ को मजबूत करने की दिशा में काम करती नज़र आ रही है।
दलितों के मुद्दे उठा रही बसपा
प्रदेश में मौजूदा कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ‘सुस्त’ पड़ी बहुजन समाज पार्टी अब चुनाव नज़दीक आने के साथ फिर से सक्रीय होती दिख रही है। प्रदेश में दलितों पर अत्याचार से जुड़े मामलों सहित बिगड़ी क़ानून व्यवस्था के विरोध में अब बसपा के सडकों पर विरोध-प्रदर्शन तेज़ होने लगे हैं। बसपा इस मुद्दे को पुरज़ोर तरीके से उठाने में है कि राजस्थान में पिछले 3 वर्षों में में दलित समाज पर जुल्म, ज्यादती और अन्य तरह के अत्याचारों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
बसपा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा का कहना है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल के दौरान दलित समाज के युवाओं की हत्या और बच्चियों पर बलात्कार की ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसकी वजह से दलित समाज राजस्थान में अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है। दबंगों और मार्शल जातियों द्वारा दलित समाज के युवाओं और बहन-बेटियों को लगातार टारगेट किया जा रहा है। वे आरोप लगाते हुए कहते हैं कि सरकार और कानून के ढीले रवैयै की वजह से दलितों पर अत्याचार करने वाले लोगों के हौसले बुलंद हैं।
बसपा सुप्रीमो हमलावर, राष्ट्रपति शासन की मांग
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर गहलोत सरकार पर तीखा बयानी हमला किया है। मायावती ने बुधवार को ट्वीट करते हुए राजस्थान सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने ट्वीट सन्देश में लिखा, ‘राजस्थान कांग्रेस सरकार में दलितों व आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। हाल ही में डीडवाना व धौलपुर में दलित युवतियों के साथ बलात्कार, अलवर में दलित युवक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या व जोधपुर के पाली में दलित युवक की हत्या ने दलित समाज को झकझोर दिया है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से ये स्पष्ट होता है कि राजस्थान में, खासकर दलितों व आदिवासियों की सुरक्षा करने में वहां की कांग्रेसी सरकार पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। अतः यह उचित होगा कि इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। बीएसपी की यही मांग है।
6 नेताओं को विधानसभा पहुंचा चुकी है बसपा
राजस्थान में बसपा के प्रभुत्व का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इस पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े 6 नेता विधायक बनकर विधानसभा तक पहुंचे। हालांकि बाद में सभी के सभी 6 विधायकों ने दल-बदल करते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया और बसपा की सदस्यता त्यागकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था।