सोमवार अपराह्न 4 बजे केन्द्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक तय थी। पूरी टीम सोनिया गांधी के आवास पर पहुंची। यहां राहुल गांधी की अध्यक्षता में अब तक तय पैनल पर फिर चर्चा हुई। करीब 3 घंटे चली बैठक में बड़े नेताओं के बीच बहस के बाद टकराव के हालात पैदा हो गए। सूत्रों के अनुसार जयपुर और बीकानेर संभाग सहित अन्य जिलों की कुछ सीटों पर सहमति नहीं बन सकी।
बीकानेर संभाग की कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर राज्य नेताओं के बीच विवाद हुआ। नेताओं ने पसंदीदा को टिकट दिलाने की कोशिश की। उसे लेकर प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी में बहस हो गई।
बीकानेर संभाग की कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर राज्य नेताओं के बीच विवाद हुआ। नेताओं ने पसंदीदा को टिकट दिलाने की कोशिश की। उसे लेकर प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी में बहस हो गई।
विवादित नामों पर राहुल ने पुन: चर्चा कर सहमति बनाने के निर्देश दिए। समिति ने सर्वसम्मति वाली 50 सीटों पर मुहर लगा दी। समिति 95 नाम पहले ही फाइनल कर चुकी है। कांग्रेस 125 से 130 प्रत्याशियों की घोषणा की तैयारी में जुट गई है। समिति 15 नवम्बर को शेष प्रत्याशी तय करके घोषित करेगी। सूत्रों के अनुसार बैठक में 150 सीटों पर प्रत्याशियों के पैनल पेश किए गए। समिति ने दो बार लगातार हार चुके नेताओं के नाम पर विचार करने से मना कर दिया। स्पष्ट कर दिया कि क्षेत्र बदल कर लडऩे वालों के नाम पर भी विचार नहीं करेगी।
अब गहलोत के साथ दिखे डूडी:
कांग्रेस के इस घमासान में चर्चा में रामेश्वर डूडी चल रहे हैं। वे कभी सचिन पायलट, तो कभी अशोक गहलोत की गाड़ी में दिखते हैं। सोमवार को सीईसी में डूडी की नाराजगी की बात आई तो वे गहलोत की गाड़ी में नजर आए। बड़े नेता बाहर आकर सर्वसम्मति की बातें कर रहे हैं लेकिन सीटों पर पसंदीदा दावेदार को लेकर नेता अड़े हैं। फुलेरा, हवामहल, खाजूवाला, बांदीकुई, लूणकरणसर, सवाई माधोपुर, टोडाभीम और निवाई आदि पर पसंदीदा को टिकट दिलवाने के लिए घमासान मचा हुआ है।
कांग्रेस के इस घमासान में चर्चा में रामेश्वर डूडी चल रहे हैं। वे कभी सचिन पायलट, तो कभी अशोक गहलोत की गाड़ी में दिखते हैं। सोमवार को सीईसी में डूडी की नाराजगी की बात आई तो वे गहलोत की गाड़ी में नजर आए। बड़े नेता बाहर आकर सर्वसम्मति की बातें कर रहे हैं लेकिन सीटों पर पसंदीदा दावेदार को लेकर नेता अड़े हैं। फुलेरा, हवामहल, खाजूवाला, बांदीकुई, लूणकरणसर, सवाई माधोपुर, टोडाभीम और निवाई आदि पर पसंदीदा को टिकट दिलवाने के लिए घमासान मचा हुआ है।
गहलोत बोले, चेहरे तो पुराने ही होंगे
बैठक में राजस्थान में भी मध्य प्रदेश का फार्मूला लागू करने पर चर्चा हुई। अर्थात नेतृत्व कर रहे नेताओं को चुनाव मैदान में नहीं उतारा जाए। इसे लेकर भी एकराय नहीं बन सकी। इसे लेकर भी विवाद पैदा हुआ। इधर अशोक गहलोत ने चुनाव में उतारे जाने वाले चेहरों के सवाल पर दो टूक कहा कि जिन चेहरों की बात हो रही है। चेहरे तो वे ही होंगे। अर्थात पुराने ही होंगे।
बैठक में राजस्थान में भी मध्य प्रदेश का फार्मूला लागू करने पर चर्चा हुई। अर्थात नेतृत्व कर रहे नेताओं को चुनाव मैदान में नहीं उतारा जाए। इसे लेकर भी एकराय नहीं बन सकी। इसे लेकर भी विवाद पैदा हुआ। इधर अशोक गहलोत ने चुनाव में उतारे जाने वाले चेहरों के सवाल पर दो टूक कहा कि जिन चेहरों की बात हो रही है। चेहरे तो वे ही होंगे। अर्थात पुराने ही होंगे।