राज्य स्तर पर नहीं है कोई पेंडेंसी
राज्य सरकार ने यह सफाई दी है कि राज्य के स्तर पर किसी भी किसान का कोई भी आवेदन और राशि लम्बित नहीं है। अब जो प्रक्रिया होनी है वह केन्द्र सरकार के स्तर पर ही पूरी होनी है। रजिस्ट्रार ने बताया कि कि राज्य की ओर से सभी पात्र आवेदनों को पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में केन्द्र सरकार ने कुल आवेदनों में से 46 लाख 10 हजार 609 किसानों के लिए योजना के तहत पहली किश्त के लिए आरएफटी खोली जा चुकी है, जिसमें से 39 लाख 70 हजार 988 किसानों के खाते में 794.20 करोड़ रुपए की पहली किश्त जमा हो चुकी है। बाकी बचे 6 लाख से अधिक किसानों की राशि स्वीकृत होना केन्द्र के स्तर पर लम्बित है। इसमें राज्य स्तर पर कोई पेंडेंसी नहीं है।
केन्द्र स्तर पर लंबित चल रही राशि
जबकि योजना के तहत सहायता राशि की दूसरी किश्त के लिए केन्द्र ने राज्य के 39 लाख 63 हजार 277 किसानों के लिए आरएफटी खोली। इसमें से 39 लाख 36 हजार 514 किसानों के खातों में 787.30 करोड़ रुपए की राशि आ चुकी है। जबकि बाकी बचे किसानों की राशि केन्द्र स्तर पर लंबित चल रही है। रजिस्ट्रार ने बताया कि योजना की तीसरी किश्त के लिए केन्द्र ने 24 लाख 89 हजार 951 किसानों के पक्ष में ही आरएफटी खोली गई। जिसमें से 24 लाख 34 हजार 335 किसानों के खातों में 486.87 करोड़ रुपए की राशि जमा हो चुकी है। बाकी बचे किसानों को तीसरी किश्त इसलिए नहीं मिल पाई है क्योंकि यह केन्द्र सरकार से स्वीकृत नहीं हुई है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत राज्य में अब तक किसानों के खातों में 2068 करोड़ रुपए की राशि जमा हो चुकी है।
केन्द्र कर रहा है आधार से सत्यापन
रजिस्ट्रार का कहना है कि दूसरी किश्त जारी करने के बाद से केन्द्र सरकार अपने स्तर पर किसानों के आधार का सत्यापन कर रहा है। बिना सत्यापन के किसानों को किश्त जारी नहीं की जा रही है। राजस्थान से योजना के लिए जो आवेदन किसानों ने किए हैं वो आधार से ही किए गए हैं। हालांकि आवेदन और आधार पर लिखा नाम अगर मेल नहीं खाने की वजह से भी किसानों की किश्त रोकी जा रही है और उन्हें पीएम किसान पोर्टल पर जाकर इसे सही करवाने के लिए भी मैसेज भेजे जा रहे हैं।