ईवीएम खराब होने के कारण उन्होंने 11.30 बजे वोट डाला। कुछ देर बार सोशल मीडिया पर खबरें चलने लगीं कि हड़बड़ी में अर्जुन मेघवाल ने कांग्रेस को वोट डाल दिया। ऐसा होने के बाद उन्होंने पीठासीन अधिकारी से फिर से मतदान की मांग की, जिसे नहीं माना गया।
पत्रिका ने इस खबर की पड़ताल की तो सामने आया कि ये फेक न्यूज है। अर्जुन राम मेघवाल ने इस पर कहा कि वे न राजनीति में आने से पहले प्रशासनिक पद पर रहे हैं, खुद कई चुनावों में पीठासीन अधिकारी के तौर पर चुनाव करा चुके हैं।
राजस्थान चुनाव 2018: मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हुई फेक न्यूज की शिकार, लंदन का टिकट हुआ वायरल ऐसे में हड़बड़ी और किसी और पार्टी को वोट चला जाना ही हास्यास्पद है। उनका कहना है कि ईवीएम की खराबी के कारण वोट डालने में देरी हुई। ईवीएम का खराब होना भी एक स्वभाविक घटना है, जो कहीं भी किसी भी बूथ पर हो सकता है। सोशल मीडिया पर बाकयदा टीवी न्यूज चैनल ले आउट का ग्राफिक्स बनाकर ये बात प्रचारित की गई।
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