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राजस्थान भाजपा में शाह की सर्जिकल स्ट्राइक, मैडम सहित बड़े दिग्गज हुए हैरान परेशान

locationजयपुरPublished: Nov 01, 2018 10:15:39 pm

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राजस्थान भाजपा में शाह की सर्जिकल स्ट्राइक, मैडम सहित बड़े दिग्गज हुए हैरान परेशान

अरविन्द सिंह शक्तावत / जयपुर। भाजपा में टिकटों को लेकर मचे घमासान के बीच अब तय किया गया है कि प्रत्याशियों के चयन में ग्राउंड सर्वे सबसे बड़ा आधार होगा। माना जा रहा है कि ऐसी स्थिति में मौजूदा 6 मंत्रियों समेत कुल 60 विधायक के टिकट पर तलवार लटक गई है। प्रत्याशी चयन के लिए दिल्ली में बुधवार देर रात तक हुई बैठकों के बाद इसके संकेत मिले।

राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राजस्थान के बड़े नेताओं को दो टूक कहा कि पार्टी उसी को टिकट देगी जो जीत सकेगा। राजस्थान में सरकार फिर बनानी है। किसी को ‘ऑब्लाइज’ नहीं करना। इधर, वसुंधरा राजे ने भी साफ कर दिया है कि जो लोग पार्टी और उनके साथ लंबे समय से जुड़े हैं, उनकी अनदेखी उचित नहीं होगी। हमें सभी को साथ लेकर चलना उचित होगा। ऐसे में शाह राजस्थान भाजपा में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की तर्ज पर पॉलिटिकल स्ट्राइक को तैयार नजर आ रहे हैं और वसुंधरा प्रदेश इकाई के पैनल में आए सभी प्रत्याशियों के पक्ष में आ खड़ी हुई हैं।
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार शाह ने कहा कि टिकट उसी को दिया जाएगा जो जीत सकता है। राजस्थान में सरकार फिर बनानी है। किसी को ‘ऑब्लाइज’ नहीं करना। हारने की स्थिति में भले ही मंत्री हो, उसका भी टिकट कटेगा। किसी को सिर्फ इस आधार पर टिकट नहीं दिया जाएगा कि वो वरिष्ठ नेता या मंत्री है। राज्य की 200 सीटों पर पार्टी ने ग्राउंड सर्वे कराया है। सर्वे के आधार पर जो आएगा उसे प्रत्याशी बनाया जाएगा।

शाह की तैयारी देख चौंके राजस्थान के नेता

राजस्थान के नेताओं ने करीब 85 सीटों पर सिंगल पैनल जब शाह को थमाया तो उन्होंने एक-एक सीट पर चर्चा शुरू कर दी। शाह ने पहले से जुटाई सूचनाओं के आधार पर राजस्थान के नेताओं से सवाल-जवाब किए। उससे राजस्थान के नेता चौंक गए। सूत्र बताते हैं कि शाह ने एक-एक सीट पर 2013 की स्थिति से लेकर आज तक की स्थिति पर चर्चा की। कई सवालों का जवाब तो राजस्थान के कई नेताओं के पास भी नहीं था।

श्रीगंगानगर से शुरू हुई चर्चा, वहीं तक सीमित रह गई

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक शाह के सामने सबसे पहले श्रीगंगानगर जिले की विधानसभा सीटों पर चर्चा शुरू हुई। यहां एक सीट पर परिवारवाद की चर्चा आई। शाह ने कहा यदि एक ही परिवार में कोई बड़ा व्यक्ति चुनाव नहीं जीत सकता तो उसी परिवार के किसी युवा को टिकट देने से भी कोई फायदा नहीं होगा।

मापदंड तय किए और कहा इस आधार पर करो काम

शाह ने एक-एक सीट पर विस्तार से चर्चा करने की इच्छा जता दी। प्रदेश संगठन को निर्देश दिए कि इसके लिए विस्तृत तैयारी की जाए। एक-एक सीट के जातिगत आंकड़े, पिछले पांच साल में हुए काम, 2013 के मतदान का रुख, वर्तमान राजनीतिक और जातिगत स्थिति, सामाजिक समीकरण, यदि किसी का टिकट काटा जाता है तो उसे राजी कैसे रखोगे। इन सबको टिकट चयन के मद्देनजर रखा जाए और फिर पैनल तैयार किया जाए।
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