इसे देखकर अफसर भी हैरान हो गए। कियोस्कों पर 25 या 30 रुपए के काम के 200 रुपए या इससे भी ज्यादा वसूले जा रहे थे। मूलनिवास,जाति प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर लूट-खसोट होती नजर आई। अफसरों को भी दो टूक जबाव देकर बढ़े हुए दाम बताए गए। इस दौरान अधिकारियों ने स्टिंग के वीडियो और फोटो भी लिए हैं।
डिकॉय ऑपरेशन के बाद अधिकारियों ने गड़बड़ी करने वाले ई मित्रों की रिपोर्ट बनाना शुरू कर दिया है। ऑपरेशन के दौरान 24 ई-मित्र केंद्रों पर संबंधित काम की रेट लिस्ट नहीं मिली। 22 ई-मित्र केंद्रों की सेवाएं 15 दिन के लिए निलंबित करके उन पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस अभियान के दौरान प्रत्येक अधिकारी को 10 ई मित्र का टारगेट दिया गया है। सप्ताहभर यह अभियान चलेगा। इसके बाद रिपोर्ट तैयार कर कलक्टर को सौंपी जाएगी। 86 केंद्रों की सेवाएं अच्छी भी मिली।
कार्रवाई इसीलिए जरूरी
जिले में सात हजार से ज्यादा ई-मित्र हैं। यहां पर 300 से अधिक तरह की सेवाओं में काम करवाया जा सकता है। शहर में ई-मित्र संचालक कई तरह के काम करने से मना कर देते हैं। इस कारण जिला कलक्ट्रेट की एकल विंडो पर लोगों की भीड़ दिनों-दिन बढ़ रही है। हर सप्ताह करीब 10 से 15 ई-मित्रों की शिकायतें आ रही हैं।
केस 1
लक्ष्मीनगर, हसनपुरा
ई-मित्र-जयपुर फोटोकॉपी
अफसर – जाति, मूल निवास बनवाना है। कितने पैसे लगेंगे
संचालक – 250 रुपए लगेंगे। अफसर – इतने थोड़ी लगते हैं , ज्यादा ले रहे हो
संचालक – यही लगेंगे, इसके अतिरिक्त 100 रुपए गवाह के भी, राशन कार्ड भी बनेगा।
केस 2
खातीपुरा, जय भवानी नगर
ई-मित्र-माया बुक्स स्टेशनी सेंटर
अफसर – भामाशाह बनवाना है क्या लोगे?
संचालक – 100 रुपए लगेंगे
अफसर – ये काम तो 50 का भी नहीं है
संचालक – यही लगेंगे। जाति-मूल निवास नहीं बनेगा
केस 3
खातीपुरा तिराहा
ई-मित्र – हर्षित कम्युनिकेशन और दीपक एंटरप्राइजेज
अफसर – जाति, मूल निवास प्रमान पत्र बनवाना है।
संचालक – कुछ भी नहीं बनेगा।
अफसर – क्यों ई-मित्र पर तो 300 तरह की सेवाएं होती है।
संचालक – हम नहीं बनाते