धारीवाल ने कहा कि राजस्थान संक्रामक रोग अधिनियम, 1957 संक्रामक रोगों के फैलाव के निवारण हेतु प्रावधान करता है। किन्तु इस महामारी की रोकथाम हेतु निवारक और उपचारात्मक उपाय करने के लिए और अधिक सुधारात्मक कदम उठाये जाने आवश्यक थे। इसलिए राज्य सरकार ने महामारी के विनियमन और रोकथाम के लिए और अधिक प्रभावी तथा कठोर उपाय करने के लिए एवं विद्यमान राजस्थान संक्रामक रोग अधिनियम, 1957 को निरसित करने के लिए राजस्थान महामारी अध्यादेश, 2020 लाए थे। इसके बाद जनता को राहत देने के लिए राजस्थान महामारी (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के अध्यादेश की धारा 11 संशोधित की गयी थी। उक्त दोनों अध्यादेशों को मिलाने के बाद राजस्थान महामारी विधेयक, 2020 रखा गया।
धारीवाल ने कहा कि उस समय राजस्थान राज्य विधान सभा का सत्र नहीं था और ऎसी परिस्थितियां विद्यमान थीं जिनके कारण राजस्थान के राज्यपाल के लिए तुरन्त कार्रवाई करना आवश्यक हो गया था इसलिए उन्होंने 1 मई को राजस्थान महामारी अध्यादेश जारी किया था।