गहलोत ने कहा कि भाजपा के लोगों ने 70 साल में पहले कभी महात्मा गांधी या सरदार पटेल को याद नहीं किया। अब कांग्रेस की इस विरासत को हथियाने की कोशिश में लगे हैं। जबकि इन्हीं की विचारधारा के लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या की। अब तो मोदी, अमित शाह या फिर कोई भी यात्रा निकालें, कुछ नहीं होना वाला। जनता ने इनका जाना तय कर दिया है। पहले मुख्यमंत्री के लिए वसुंधरा राजे का चेहरा दिखाया, लेकिन अब इनके भाषणों में चेहरा गायब हो गया है।
सिर्फ कमल के फूल के लिए वोट मांगे जा रहे हैं। लेकिन जनता पिछली बार धोखा खा चुकी है। अब क्यों नहीं कहा जा रहा कि अगली सरकार मोदी सरकार। मोदी का ग्राफ गिर चुका है। अभी वार्म-अप, गेम शुरू होना तो बाकी हाल ही गहलोत ने राजस्थान में मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर दिल्ली में प्रेसवार्ता में कहा था कि कौन बनेगा करोड़पति, क्या किसी को पता होता है?
सोमवार को जयपुर में बुलाई गई प्रेसवार्ता में पत्रकारों ने फिर सवाल किया कि कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर कौन बैठा है? इस पर गहलोत ने कहा कि अभी तो वॉर्म-अप चल रहा है, अभी गेम शुरू होना तो बाकी है। जब गेम शुरू होगा तो बताएंगे। ये पी.के. का काम था गहलोत ने टिकट फाइनल होने के फोन कॉल्स को लेकर कहा कि पता चला है, पी.के. का नाम लिया जा रहा है। लेकिन वे तो पार्टी से जेडीयू में चले गए हैं। ये पी.के. का काम था।
किस पर क्या बोले गहलोत रिसर्जेंट राजस्थान प्रदेश में रिसर्जेंट राजस्थान के नाम पर करोड़ रुपए खर्च कर दिए। निवेश कुछ आया नहीं। अब तो भाजपा सरकार को रफाल घोटाला ही ले डूबेगा। आरएसएस प्रमुख ने पहले कहा था कि राम मंदिर उनका मुद्दा नहीं, लेकिन कुछ दिनों बाद कहने लगे कि राममंदिर बनना चाहिए।
उनका मकसद सिर्फ जीत कांग्रेस ने भाजपा की जीत का सम्मान किया, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस की हार का सम्मान नहीं किया। भाजपा के लोगों का मकसद सिर्फ चुनाव जीतना होता है। गुजरात चुनाव में देखा, पाकिस्तान से रिश्ते जोडऩे लग गए थे।
आचार संहिता प्रदेश में खुला उल्लंघन हो रहा है। इस पर चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। भामाशाह कार्ड और मशीनों से निकल रही पर्ची पर कमल का फूल लगा है। कानून व्यवस्था: आज प्रदेश जल रहा है, हालात खराब हैं। पुलिस पर हमला कर मारा जा रहा है। बजरी माफिया हावी है। मिलीभगत के खेल में ऊपर तक बंदी पहुंच रही है।
कर्मचारी हड़ताल पर उतरे तो वार्ता के बजाय सीएम आचार संहिता लगने का इंतजार करती रही, जिससे कर्मचारियों से पीछा छूटे। भाजपा सरकार के काले चिठ्ठे को राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जनता के सामने रखा जाएगा। मंत्री-विधायक करते थे इंतजार: केन्द्र में हर मंत्रालय में आरएसएस के लोग ओएसडी लगे हैं। राजस्थान में ही मुख्यमंत्री कार्यालय में मंत्री और विधायक तक को इंतजार करना पड़ता था। ये मुख्यमंत्री का इंतजार नहीं, किसका करते थे आप सभी जानते हैं।