मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार अकेले इस काम को अंजाम नहीं दे सकती, इसके लिए सभी का सहयोग जरूरी है। तभी हम आगामी 15 माह का समय गांधीजी के लिए समर्पित कर उनके जीवन मूल्यों को जन-जन तक ले जाने में कामयाब होंगे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्य, प्रेम और अहिंसा के सिद्धान्त पर दृढ़ रहने के दर्शन में सभी समस्याओं का समाधान है। हर किसी को उनका चिंतन और विचार अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शांति एवं अहिंसा विभाग स्थापित करेगी। साथ ही, एक गांधी आश्रम और जयपुर में गांधी संग्रहालय की स्थापना पर भी विचार किया जा रहा है।
प्रमुख गांधीवादी विचारक एवं चिंतक डॉ. एसएन सुब्बाराव ने कहा कि गांधीजी ने हिंसा मुक्त, अपराध मुक्त, नशा मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देखा था। उस सपने को साकार करने के हमें युवाओं को गांधीजी के बताए मार्ग पर ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि नए भारत और नए राजस्थान के निर्माण की दिशा में प्रदेश की वर्तमान सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। उन्होंने प्रदेश में शांति एवं अहिंसा विभाग की स्थापना के विचार की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य होगा। यह दूसरे राज्यों के लिए अनुकरणीय पहल है।
डॉ. सुब्बाराव ने कहा कि गांधी के विचारों और दर्शन का प्रसार करने के लिए कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ानी होगी। हर जिले और गांव-देहात में लोग गांधीजी को समझे और उनके संदेश को आत्मसात करें तभी समाज में शांति और सद्भाव कायम रहेगा। उन्होंने प्रदेश में सर्वधर्म समभाव के माहौल की भी प्रशंसा की।
कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि गांधीजी जयंती के उपलक्ष्य में संकल्प रैलियां आयोजित की जा रही हैं। साथ ही राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविरों में भी श्रम संस्कार तथा अन्य गतिविधियों के माध्यम से गांधी दर्शन की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि गांधी साहित्य की पर आधारित विभिन्न प्रकाशकों की पुस्तकों के लिए प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने विभिन्न अकादमियों के प्रकाशनों में गांधीजी के जीवन दर्शन पर आधारित लेख भी आमंत्रित किए।
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि स्कूलों में गांधीजी से संबंधित साहित्य उपलब्ध करवाया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि हर विद्यार्थी के हाथ में गांधीजी का जीवन दर्शन हो। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में अब 50-60 शिक्षकों के स्थान पर करीब 1 हजार शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। उन्हें गांधीजी के चित्र वाले स्मृति चिन्ह भेंट किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय भी शुरू किए जा रहे हैं। साथ ही हर स्कूल में उतने वृक्ष लगाए जा रहे हैं, जितने नए नामांकन हुए हैं।