सदन में विधेयक उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र यादव ने पेश किया। उन्होंने चर्चा के जवाब में कहा कि सरकार उच्च शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है। राज्य सरकार ने 123 महाविद्यालय खोलने की बजट घोषणाएं की थी, जिसमें से 82 में काम शुरू हो गया है। 8 में महाविद्यालय दानदाताओं द्वारा बनाए जा रहे है। 12 के लिए जमीन तलाशी जा रही है। उन्होंने कहा कि कॉलेज, विश्वविद्यालय और कोचिंग संस्थानों पर समुचित निगरानी के लिए रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जा रहा है। भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में 11 निजी विश्वविद्यालय खोले गए थे और 2 विश्वविद्यालयों को बंद किया गया था। जबकि वर्तमान सरकार ने उन्हीं 2 विश्वविद्यालयों को पुनः शुरू किया है और 2 नए सरकारी विश्वविद्यालयों को भी खोला गया।
33 में से 30 जिले शिक्षा की दृष्टि से पिछड़े : राठौड़ उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश के 33 में से 30 जिले शिक्षा की दृष्टि से पिछड़े हुए हैं। 3 विश्वविद्यालय सरकार ने खोल दिए, लेकिन 3 साल बाद भी भवनों का पता नहीं। अब जोधपुर में एक प्राइवेट लि. कंपनी को विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति दी जा रही है। मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र होने से कॉलेज खोला जा रहा है। हर कॉलेज जोधपुर में ही खुल रहा है। उसकी नेटवर्थ 3.41 करोड़ है, जबकि लोन 288 करोड़ लिया जा रहा है। पहले जोधपुर के जयनारायण विश्वविद्यालय पहले फर्जी तरीके से भर्ती हुई, सभी जानते हैं।
अशोक लाहोटी ने कहा कि शिक्षा का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। जुगाड़ के सहारे शिक्षा चल रही है। कॉलेजों के पास भवन तक नहीं हैं। सांगानेर में 3 साल पहले कॉलेज खोलने की घोषणा की थी, आज स्कूल के 3 कमरों में कॉलेज चल रहा है। 6 प्रोफेसरों के भरोसे 450 बच्चे हैं।
वासुदेव देवनानी ने कहा कि पीएचईडी की डिग्री बिक रही हैं। दीप्ति किरण माहेश्वरी व बिहारीलाल सहित अन्य ने भी बहस में हिस्सा लिया।