जयपुर

राजस्थान के किसान हसन खां को मिली सरकार की सौगात, नहीं रहा ख़ुशी का ठिकाना जब माफ हुए ऋण के 5 लाख

Farm loan waiver scheme 2019 : Rajasthan Farmers के लिए चल रही ऋण माफ़ी योजना 2019 ( Farm Loan Waiver Scheme ) से एक किसान के करीब साढ़े पांच लाख रुपए माफ़ ( Rajasthan Kisan Rin Mafi ) किए गए। ऋण माफ़ी पत्र ( Rin Mafi certificate ) मिलते ही किसान की खुशी का ठिकाना नहीं था।

जयपुरJul 09, 2019 / 09:43 pm

rohit sharma

राजस्थान के किसान हसन खां को मिली सरकार की सौगात, नहीं रहा ख़ुशी का ठिकाना जब माफ हुए ऋण के 5 लाख

जयपुर. राजस्थान में किसानों ( Rajasthan farmers ) के लिए चल रही ऋण माफ़ी योजना ( farm loan waiver scheme ) से एक किसान के करीब साढ़े पांच लाख रुपए माफ़ किए गए। ऋण माफ़ी पत्र मिलते ही किसान की खुशी का ठिकाना नहीं था।
राजस्थान में किसान ऋण माफी योजना 2019 के तहत अनेक किसानों को ऋण माफी का सीधा लाभ मिला। ये किसान पिछले कई वर्षों से कर्ज के बोझ के तले दबे हुए थे तथा अधिकांश किसानों की कृषि भूमि बैंकाें में गिरवी रखी हुई थी।
ऋण भूमि रखने वालों में श्रीगंगानगर जिले ( sri ganganagar news in hindi ) के गांव हिन्दौर निवासी हसन खां पुत्र मावखां भी है। हसन खां ने भी बैंक से 5.68 लाख रुपये का ऋण लिया हुआ था। इस दौरान ऋण माफ़ी में हसन खां को 5.68 लाख रुपये की ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र ( Loan waiver Certificates ) देकर ऋण माफ़ किया।

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Co-operative Bank बैंक कर्मचारियों ने सरकार से की भुगतान की मांग

इधर, ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक ( All Rajasthan Co-Operative Bank ) एम्पलाईज यूनियन ने सरकार ( Rajasthan Government ) से मांग की है कि Kisan Rin Mafi पेटे 11 हजार करोड़ रुपए ( farmer loan waiver Money ) का भुगतान सहकारी बैंकों को किया जाए। यूनियन से राज्य सरकार से बजट ( Rajasthan Budget 2019 ) में इसकी घोषणा करने की उम्मीद जताई है।
यूनियन ने सरकार से मांग की है कि राज्य सरकार अपने बजट में सहकारी साख आंदोलन, प्रदेश के किसान और सहकारी बैंकों के हित में बजट प्रावधान करे। यूनियन ने सरकार ने फसली ऋण माफी 2018 पेटे 3500 करोड़ और फसली ऋण माफी 2019 पेटे 7500 करोड़ का बकाया भुगतान सहकारी बैंकों को करने की मांग की है।
साथ ही राज्य सरकार की योजनाओं का लाभार्थी को DBT का भुगतान सहकारी बैंक और सहकारी पैक्स के माध्यम से करवाने, राज्य सरकार के विभागों और संस्थाओं के सरप्लस फण्ड और धनराशि सहकारी बैंकों में जमाओं एवं खातों में रखने की मांग की है। यूनियन ने सहकारी बैंकों में कार्मिकों की नई भर्ती पर प्रोबेशन अवधि में फिक्स वेतन की जगह नियमित वेतनमान भुगतान करने समेत अन्य कई उम्मीद की हैं।

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