टिकैत सहित अन्य नेता करेंगे संबोधित
ख़ास बात ये है कि आज की किसान महापंचायतों को संबोधित करने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत पहुँच रहे हैं। पहली किसान महापंचायत जहां श्रीगंगानगर में सुबह 11 बजे बुलाई गई है, तो वहीं उसके बाद दोपहर 2 बजे किसान हनुमानगढ़ के संगरिया से अपनी ‘हुंकार’ भरेंगे। यहां टिकैत के साथ ही योगेन्द्र यादव, जोगेंद्र सिंह उगराहां, कामरेड अमराराम सहित किसान संगठनों के वरिष्ठ नेता भी संबोधित करेंगे।
महिला-श्रमिक-व्यापारी भी जुटेंगे
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ की किसान महापंचायतों को श्रमिक संगठनों और व्यापारियों का भी समर्थन मिला है। ऐसे में आज की महापंचायतों में श्रमिक और व्यापारी भी जुटने की संभावना जताई जा रही है।
फिर जयपुर में भरी जायेगी ‘हुंकार’
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के संगरिया में आज की किसान महापंचायतों के बाद अगला महापंचायत राजधानी जयपुर में होगी। यहां विद्याधर नगर स्टेडियम पर किसान 23 मार्च को एकत्रित होंगे। इसी दिन किसान संगठन शहीदी दिवस भी मनाएंगे जिसमें अनूठे अंदाज़ से विरोध प्रदर्शित होना तय हुआ है। किसान शहीद भगत सिंह की तर्ज पर पगड़ी बांधकर केंद्र सरकार का विरोध जताएंगे।
देशभर में फ़ैल रहा किसान आंदोलन
किसान संगठनों की ओर से किसान आंदोलन को और धार देने की कोशिशें जारी हैं। किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में देशभर में किसान महापंचायतों का सिलसिला जारी है। टिकैत खुद अलग-अलग राज्यों में जाकर तूफानी दौरे कर रहे हैं।
अब तक उत्तर और पूर्वी भारत तक सिमित रहा किसान आंदोलन अब पश्चिम और दक्षिण भारत की ओर भी रुख कर रहा है। टिकैत के आगामी प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत 20 मार्च से उनका कर्नाटक का तीन दिवसीय दौरा भी है।
सरकार भी अड़ी, किसान भी ना हो रहे टस-से-मस
केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। लगभग चार महीने गुज़र गए हैं, लेकिन ना सरकार पीच्चे हटने को तैयार है और ना ही किसान।
नौबत तो अब ये तक आ गई है कि दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ताएं विफल होने के बाद से अब कोई नई द्विपक्षीय वार्ता भी नहीं हो रही है। ऐसे में किसान आंदोलन लंबा खिंचने की संभावनाएं बनी हुई हैं।
ये भी रहेंगे आगामी कार्यक्रम
– 19 मार्च- कृषि कानूनों के विरोध में मंडियों के बाहर धरने-प्रदर्शन होंगे
– 26 मार्च- सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चक्काजाम करके होगा विरोध
– 28 मार्च- होली के दिन तीनों कृषि कानूनों की पतियाँ जलाकर होगा विरोध