खेती के औजार के साथ किसान- बता दें कि जयपुर सीमा के प्रवेश के बाद किसानों को जहां रोका गया, वहां उन्होंने पड़ाव डाल दिए हैं। वहीं कुछ स्थानों पर पुलिस ने धरने पर बैठे किसानों को बसों में बैठाकर हिरासत में ले लिया। जयपुर में मजदूर किसान भवन पर भी पुलिस ने किसानों की घेराबंदी कर उन्हें कूच करने से रोक दिया। अखिल भारतीय किसान सभा के आह्रवान पर राज्यभर से बड़ी संख्या में महिला, पुरूष और युवा किसान जयपुर कूच के लिए निकले। साथ ही अपनी नेताओं की गिरफ्तारी से नाराज किसान अपने खेती के औजार लेकर साथ निकले।
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उधर पिछले साल सितंबर में हुए आंदोलन से सबक लेते हुए इस बार सरकार ने जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस तैनात करने किसानों की घेराबंदी कर दी। टोल प्लाजाओं पर किसानों की बसों को रोक दिया गया। किसानों को जगह जगह हिरासत में लिया गया। जहां किसानों का संख्या की अधिक नजर आई, वहां उन्होंने बीच रास्ते में भी पड़ाव डाल दिया और सभा कर नारेबाजी की। पुलिस ने रोका किसानों को- किसान आंदोलन के दौरान अखिल भारतीय किसान सभा की राज्य कमेटी के संयुक्त सचिव डॉ संजय माधव ने बयान जारी कर कहा कि सरकार ने आंदोलन को रोकने के लिए दमनकारी नीति अपनाई। किसानों की करीब 5 हजार बसों और छोटे वाहनों को बीच रास्ते में रोक दिया गया। राज्यभर से किसानों को गिरफ्तार किया गया। सीकर से आने वाले किसानों को चौंमू के पास टाटियाबास टोल पर ही रोक दिया गया। अजमेर की तरफ से आने वाले किसानों को बगरू टोल नाके पर तो टोंक जिले से आने वाले किसानों को शिवदासपुरा टोल नाके पर रोका गया। इससे किसानों में आक्रोश बढ़ गया है।
पुलिस जहां रोकेगी वहां डालेंगे पड़ाव- सभा का कहना है कि किसान लाठी-गोली से डरेंगे नहीं। पुलिस किसानों को जहां भी रोकेगी वो वहीं पर पड़ाव डाल देंगे। सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धवले ने मजदूर भवन पर अपने संबोधन में कहा कि जब तक सरकार गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा नहीं करती और किसानों की मांगें नहीं मानती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को जयपुर आने से रोका है, किसान भाजपा को जयपुर आने से रोकेगी।
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