पूनिया ने प्रेसवार्ता में बताया कि आंदोलन के दौरान डेयरी टैंकरों में तोडफ़ोड़ और दूध फैलाने की कई घटनाओं से डेयरी को करीब एक करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है। पूनिया ने साफ किया कि अगर डेयरी को दूध के परिवहन में पुलिस सुरक्षा नहीं उपलब्ध करवाई जाएगी तो आंदोलन के दौरान दूध का परिवहन बंद किया जा सकता है।
इस बीच सरस ने अपने गोल्ड दूध की सप्लाई बंद कर दी है ताकि उपलब्ध दूध अधिक से अधिक लोगों को मिल सके। बूथों पर रोजाना होने वाली आवक की तुलना में दूध की कमी रही। इससे लोगों को परेशान होना पड़ा।
पूनिया ने डेयरी मंत्री अजय सिंह किलक पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने एक बार भी आंदोलन को लेकर हुए नुकसान और हालातों पर बातचीत तक नहीं की। कृषि मंत्री ने फिर भी इस मामले में बातचीत की है।
सब्जी की आवक से दाम घटे
दूध की तुलना में हालांकि सब्जी की आवक बाजार में सोमवार से फिर से शुरू हुई और टमाटर, लॉकी, कैरी, हरी मिर्च, करेला समेत अन्य कई सब्जियों की कीमत में पिछले दो दिन से आया उछाल भी सोमवार को कुछ कम हुआ।
दूध की तुलना में हालांकि सब्जी की आवक बाजार में सोमवार से फिर से शुरू हुई और टमाटर, लॉकी, कैरी, हरी मिर्च, करेला समेत अन्य कई सब्जियों की कीमत में पिछले दो दिन से आया उछाल भी सोमवार को कुछ कम हुआ।
जयपुर फल सब्जी थोक विक्रेता संघ मुहाना टर्मिनल के अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया कि मंडी में सब्जियों की आवक होने से दामों में कमी आई है। चौंमू मंडी बंद के चलते चौमूं के किसान मुहाना मंडी में सब्जी बेचने आए।
सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग
डेयरी चेयरमेन पूनिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि डेयरी अब ज्यादा नुकसान उठाने के लिए तैयार नहीं है। डेयरी के 15 टैंकरों में तोडफ़ोड़ हो चुकी है और 50 हजार लीटर से ज्यादा दूध सड़कों पर बहाया जा चुका है। ऐसे में बिना पुलिस के सहयोग के दूध संकलन करना संभव नहीं है। पूनिया ने प्रशासन से मांग की है कि प्रत्येक टैंकर पर 2-3 पुलिसकर्मी उपलब्ध करवाए जाएं। ताकि निर्बाध रुप से गांवों से दूध संकलन किया जा सके।
डेयरी चेयरमेन पूनिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि डेयरी अब ज्यादा नुकसान उठाने के लिए तैयार नहीं है। डेयरी के 15 टैंकरों में तोडफ़ोड़ हो चुकी है और 50 हजार लीटर से ज्यादा दूध सड़कों पर बहाया जा चुका है। ऐसे में बिना पुलिस के सहयोग के दूध संकलन करना संभव नहीं है। पूनिया ने प्रशासन से मांग की है कि प्रत्येक टैंकर पर 2-3 पुलिसकर्मी उपलब्ध करवाए जाएं। ताकि निर्बाध रुप से गांवों से दूध संकलन किया जा सके।
पड़ौसी दुग्ध संघों से मांगा दूध
पूनिया ने बताया कि डेयरी ने नुकसान उठाकर भी जनता तक दूध पहुंचाने की कोशिश की है। दूध की कम आवक को देखते हुए गोल्ड दूध की सप्लाई रोकी गई है। दूध की कमी को दूर करने के लिए पड़ौसी जिला दूध संघों से करीब 2 लाख लीटर दूध मंगवाकर लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। पूनिया ने बताया कि अब बोर्ड की बैठक बुलाकर आगामी निर्णय लिया जाएगा।
पूनिया ने बताया कि डेयरी ने नुकसान उठाकर भी जनता तक दूध पहुंचाने की कोशिश की है। दूध की कम आवक को देखते हुए गोल्ड दूध की सप्लाई रोकी गई है। दूध की कमी को दूर करने के लिए पड़ौसी जिला दूध संघों से करीब 2 लाख लीटर दूध मंगवाकर लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। पूनिया ने बताया कि अब बोर्ड की बैठक बुलाकर आगामी निर्णय लिया जाएगा।
रोज होता है इतना संकलन
जयपुर डेयरी 650 बीएमसी से 150 टैंकरों के जरिए 10 से 11 लाख लीटर तक दूध संकलन रोज करती है। लेकिन आन्दोलन के चलते जगह-जगह डेयरी टैंकरों को रोककर दूध फैलाने की घटनाएं हुई हैं। इतना ही नहीं टैंकरों में तोडफ़ोड़ और चालकों के साथ मारपीट भी की जा रही है। समस्या को लेकर डेयरी मुख्य सचिव के साथ ही डीजीपी और जिला कलेक्टर को इसकी जानकारी दे चुकी है। पूनिया ने बताया कि कुछ हिस्सों में पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा है।
जयपुर डेयरी 650 बीएमसी से 150 टैंकरों के जरिए 10 से 11 लाख लीटर तक दूध संकलन रोज करती है। लेकिन आन्दोलन के चलते जगह-जगह डेयरी टैंकरों को रोककर दूध फैलाने की घटनाएं हुई हैं। इतना ही नहीं टैंकरों में तोडफ़ोड़ और चालकों के साथ मारपीट भी की जा रही है। समस्या को लेकर डेयरी मुख्य सचिव के साथ ही डीजीपी और जिला कलेक्टर को इसकी जानकारी दे चुकी है। पूनिया ने बताया कि कुछ हिस्सों में पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा है।