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दिव्यांगों को सत्ता में भागीदारी देने वाला पहला प्रदेश बना राजस्थान

locationजयपुरPublished: Jun 16, 2021 05:08:48 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

दिव्यांगों को भी राजनीति में भागीदारी मिलना शुरू हो गई है। पूरे देश में राजस्थान पहला राज्य बना है, जहां निकायों के मनोनीत सदस्यों में दिव्यांगों के लिए सीट आरक्षित की गई है। इसका असर है कि पिछले दिनों सरकार ने 33 निकायों में 196 मनोनीत सदस्यों की घोषणा की थी, इसमें 33 दिव्यांग हैं।

दिव्यांगों को सत्ता में भागीदारी देने वाला पहला प्रदेश बना राजस्थान

दिव्यांगों को सत्ता में भागीदारी देने वाला पहला प्रदेश बना राजस्थान

जयपुर।

दिव्यांगों को भी राजनीति में भागीदारी मिलना शुरू हो गई है। पूरे देश में राजस्थान पहला राज्य बना है, जहां निकायों के मनोनीत सदस्यों में दिव्यांगों के लिए सीट आरक्षित की गई है। इसका असर है कि पिछले दिनों सरकार ने 33 निकायों में 196 मनोनीत सदस्यों की घोषणा की थी, इसमें 33 दिव्यांग हैं।
प्रदेश के सभी निकायों में करीब 300 दिव्यांगों को मनोनीत सदस्य बनने का मौका मिलेगा। दिव्यांगजन अधिकार महासंघ लंबे समय से दिव्यांगों को सत्ता में भागीदारी की मांग कर रहा था। इसे लेकर विशेष योग्यजन न्यायालय में परिवाद भी दायर किया गया था। जिसके बाद सरकार ने आदेश जारी करके दिव्यांगों को मनोनीत पार्षद बनाने की घोषणा की थी। दिव्यांगजन करीब 10 साल से सत्ता में भागीदारी की डिमांड कर रहे थे।
कोर्ट में याचिका दायर हुई, तब डीएलबी ने दिया जवाब

सत्ता में भागीदारी को लेकर दिव्यांग संगठनों ने सीएम को कई बार ज्ञापन और मांग पत्र भेजे थे। इसके बाद विशेष योग्यजन न्यायालय में भी याचिका दायर की गई। जिसके बाद स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक और विशिष्ट सचिव दीपक नंदी ने विशेषयोग्यजन न्यायालय के उपायुक्त को पत्र लिखकर जानकारी दी थी। हालांकि अब भी पंचायतीराज चुनावों में दिव्यांगजनों को भागीदारी का इंतजार है।
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