scriptRajasthan: 5जी के लिए 10 शहरों पर फोकस | Rajasthan: Focus on 10 cities for 5G | Patrika News

Rajasthan: 5जी के लिए 10 शहरों पर फोकस

locationजयपुरPublished: Oct 02, 2022 10:30:34 pm

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

राजस्थान का कोई भी शहर भले ही 5जी मोबाइल सेवा लांचिंग वाले शहर में शामिल नहीं हो पाया हो, लेकिन दूसरे फेज के लिए तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है। इनमें जयपुर, जोधपुर, कोटा, नाथद्वारा, अलवर, बीकानेर, अजमेर, पाली, उदयपुर, भरतपुर शहर शामिल हैं।

Prime Minster Narendra Modi To Launch 5G Services On October 1st

Prime Minster Narendra Modi To Launch 5G Services On October 1st

राजस्थान का कोई भी शहर भले ही 5जी मोबाइल सेवा लांचिंग वाले शहर में शामिल नहीं हो पाया हो, लेकिन दूसरे फेज के लिए तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है। इनमें जयपुर, जोधपुर, कोटा, नाथद्वारा, अलवर, बीकानेर, अजमेर, पाली, उदयपुर, भरतपुर शहर शामिल हैं।

एक प्रमुख मोबाइल ऑपरेटर की सूची में ये सभी शहर शामिल हैं, जबकि अन्य दो ऑपरेटर्स ने 6 से 7 शहरों को शामिल किया है। सभी जगह मोबाइल नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के काम की मॉनिटरिंग तेज कर दी गई है। प्रदेश में अगले साल के शुरुआती माह में लांचिंग की संभावना है।

खास यह है कि राज्य में 40 हजार मोबाइल टावर हैं और 5जी तकनीक के लिए ज्यादातर इन्हीं टावर का उपयोग होगा। अलग से टावर लगाने की जरूरत कम पड़ रही है। दूरसंचार मंत्रालय और राजस्थान सरकार मिलकर काम कर रही है।

फैलेगा स्मॉल सेल का जाल

5जी मोबाइल नेटवर्क का जाल बिछाने के लिए सरकार टेलीकॉम कंपनियों की राह और आसान कर रही है। इसके लिए हर 200 मीटर दूरी पर स्मॉल सेल (सिग्नल बूस्टर) लगाने की अनुमति दी गई है। यह स्मॉल सेल इमारत की दीवार और स्ट्रीट फर्नीचर (स्ट्रीट लाइट, विद्युत पोल, बस शेल्टर व अन्य) पर लगाए जाएंगे। यानी, इलाके में चारों तरफ स्मॉल सेल का जाल फैलेगा। हालांकि, जांच का विषय है कि कम दूरी पर ज्यादा उपकरण लगने का लोगों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा। दूरसंचार विभाग की ओर से तैयारी 5जी इन्फ्रास्ट्रक्चर ड्राफ्ट पॉलिसी के आधार पर ही नगरीय विकास विभाग भी टेलीकॉम कंपनियों को इसकी अनुमति दे रहा है।

यह है स्मॉल सेल: स्मॉल सेल बूस्टर की तरह काम करता है। मोबाइल टावर से उपभोक्ता के मोबाइल तक सिग्नल पहुंचाने का काम करता है, जिससे बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके। टेलीकॉम ऑपरेटर दो टावर के बीच एक अन्य टावर लगाने की बजाय स्मॉल सेल का भी उपयोग करेंगे।

1. इनके लिए ज्यादा उपयोगी: विषय विशेषज्ञों के मुताबिक 5जी सेवा का ज्यादातर उपयोग आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) से जुड़ी सेवाओं के लिए होगा। जो उपभोक्ता स्मार्ट होम, स्मार्ट ड्राइविंग या रियल टाइम सर्विस से जुडऩा चाहते हैं, यह सेवा उनके लिए सबसे ज्यादा उपयोगी होगी। इसके अलावा कॉमर्शियल गतिविधियों में भी ज्यादा उपयोग होगा।

2. टैरिफ होगा ज्यादा: 3जी, 4जी सेवा के तुलना में 5जी मोबाइल सेवा के लिए टैरिफ ज्यादा होगा। मोबाइल ऑपरेटर्स के मुताबिक शुरुआती टैरिफ दस प्रतिशत ज्यादा हो सकता है, क्योंकि यह प्रीमियम सेवा है। हालांकि, ऑपरेटर्स ने अभी तक टैरिफ प्लान का खुलासा नहीं किया है।

3. नहीं बदलना पड़ेगा सिम कार्ड: मौजूदा सिम कार्ड पर ही यह सेवा मिलेगी। इसके लिए कंपनी सिम कार्ड को अपग्रेड कर देगी। इसके लिए भी उपभोक्ता को कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी।

4. मिलेगा विकल्प: सिम कार्ड भले ही अपग्रेड होगा, लेकिन उपभोक्ता के पास 4जी या 5जी सेवा का उपयोग करने का विकल्प होगा। 2जी व 3जी सेवा भी चलती रहेगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो