राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस को अडानी समूह फूटी आंख नहीं सुहाता है, लेकिन उनके साथ परदे के पीछे डील कर जनता की आंखों में धूल झोंकने के काम इसी कांग्रेस सरकार के राज में लगातार हो रहा है। अडानी समूह को पानी पी पीकर कोसने वाली कांग्रेस को अब समझना चाहिए कि जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं, वह दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी एक ओर अपने भाषणों में अडानी समूह को लगातार आरोपों के कटघरे में खड़ा करते हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य में कांग्रेस शासित सरकार उसी अडानी समूह को बार-बार उपकृत कर कभी कोयला खरीद तो कभी सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए चयनित करने का काम कर रही है।
राठौड़ ने कहा कि मोदी सरकार पर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस खुद अडानी समूह को बड़े-बड़े प्रोजेक्ट सौंप रही है। इससे कांग्रेस का उद्योगपतियों के साथ घनिष्ठ संबंध उजागर हो गया है। वर्तमान में राज्य के हर विद्युत उपभोक्ता को 5 पैसे प्रति यूनिट अड़ानी टैक्स पिछले 18 माह से देना पड़ रहा है जो आगामी 18 माह तक जारी रहेगा। अडानी टैक्स का भार राज्य के 1.52 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है और सरकार अपनी तिजोरी भर रही है।