scriptराजस्थान के इस जिले में है मां सरस्वती की प्राचीन मंदिर- महाकवि कालिदास से लेकर इन्होंने की है तपस्या | rajasthan Goddess Saraswati famous temple sirohi news | Patrika News

राजस्थान के इस जिले में है मां सरस्वती की प्राचीन मंदिर- महाकवि कालिदास से लेकर इन्होंने की है तपस्या

locationजयपुरPublished: Jan 22, 2018 06:52:35 pm

मार्कंडेश्वरधाम स्थित मां सरस्वती मंदिर विद्या के साधकों की आराधना स्थली है। तो वहीं इस प्रसिद्ध मंदिर से जुड़ी एक खास मान्यता…

Goddess Saraswati
जयपुर। राजस्थान में केवल प्राचीन इमारत ही नहीं बल्कि यहां के दर्शनीय स्थल भी सभी के लिए खास मायने रखते हैं। यहां सिरोही जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर अजारी गांव के पास मार्कंडेश्वरधाम स्थित मां सरस्वती का एक ऐसा ही मंदिर है, जिसके दर्शन के लिए काफी दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं और माता के दर्शन करते हैं। सबसे बड़ी बात कि यहां कई महान विद्वानों ने तपस्या भी की है। गुप्तकाल में निर्मित यह मंदिर कई सदियों से बुद्धि और ज्ञान का बल चाहने वालों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। साथ ही प्रदेश में इस मंदिर का एक खास पहचान है।
चांदी की जीभ चढ़ाते हैं श्रद्धालु-

इस प्राचीन मंदिर में बसंत पंचमी के दिन विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। साथ ही दिनभर भक्तों की दर्शनार्थ भीड़ मार्कंडेश्वरधाम को घेरे रहती है। ऐसा कहा जाता है कि मार्कंडेश्वरधाम स्थित मां सरस्वती मंदिर विद्या के साधकों की आराधना स्थली है। तो वहीं इस प्रसिद्ध मंदिर से जुड़ी एक खास मान्यता के मुताबिक, मंदिर में सच्चे मन से मन्नत मांगने से वाणी संबंधी विकार दूर होते हैं और बुद्धि की प्राप्ति होती है। इस वजह से तुतलाने एवं मंदबुद्धि की शिकायत पर बहुत से लोग मां से मन्नत भी मांगते हैं और उसके पूरा होने पर चांदी की जीभ चढ़ाते हैं।
यह भी पढ़ें

हाड़ कंपा देने वाली ठंड़ में अन्नदाताओं को करना पड़ रहा ये काम- रात की बिजली बनी आफत तो…

बालऋषि मार्कंडेय भी कर चुके हैं मंत्र जाप-

मंदिर में मां सरस्वती की चित्ताकर्षक प्रतिमा विराजमान है। लोगों का कहना है कि यहां बालऋषि मार्कंडेय ने यम से बचने के लिए महामृत्युंजय का जाप किया था। तो इसी तपोस्थली पर महाकवि कालिदास ने भी ज्ञान प्राप्त किया था। मंदिर से जुड़ी प्राचीन मान्यताओं और मां सरस्वती के इस खास दर्शनीय स्थल पर हजारों की संख्या में भक्त जुटते हैं और देवी की पूजा-अराधना करते हैं।
यह भी पढ़ें

राजस्थान में रिलीज़ को लेकर सस्पेंस बरकरार, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई रिव्यू पेटिशन, कल होगी सुनवाई

हजारों की संख्या में जुटते हैं भक्त-

यहां माता के इस पावन स्थल पर सालों भर श्रद्धालुओं का आना लगता रहता है। जो हजारों की संख्या में होता है। लेकिन बसंत पंचमी के अवसर इस धाम में एक खास रौनक रहती है। यहां बसंत पंचमी के दिन यहां मां सरस्वती का मेला लगता है। साथ ही मंदिर परिसर में हवन यज्ञ के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो