वसुंधरा ने किया ऐसा काम,जिसको करने में मोदी भी पीछे हटे
वसुंधरा ने किया ऐसा काम,जिसको करने में मोदी भी पीछे हटे

जपपुर
राजस्थान विधानसभा ने बीते दिनों 12 वर्ष तक की बच्चियों से बलात्कार के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान किया है। सुप्रीम कोर्ट में बच्चियों से रेप विशेष तौर पर छोटी बच्चियों से रेप के मामले में सख्त सजा और जल्द सजा को लेकर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता राजस्थान विधानसभा के पारित कानून की जानकारी देते हुए कहा कि इस पर केंद्र सरकार को सख्त कानून बनाना चाहिए यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो सुप्रीम कोर्ट को दिशा निर्देश जारी करने चाहिए।
याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट्स से बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के लंबित मामलों की जानकारी मांगी है । सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया कि वे हाईकोर्ट से ये आंकड़ा एकत्र करें कि इन अपराधों के लंबित होने की वजह क्या है । मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।
दरअसल याचिकाकर्ता और वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने अपने आंकड़े में कहा है कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के 89 से 90 फीसदी मामले कोर्ट में लंबित हैं । उन्होंने बताया कि 2016 तक पॉक्सो एक्ट के तहत एक लाख एक हजार तीन सौ छब्बीस मामले दर्ज हुए हैं । जिसमें से करीब दस हजार मामले में ही कोर्ट के फैसले आएं हैं इस आंकड़े को देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को आंकड़े मुहैया कराने का निर्देश दिया ।
केंद्र हटा पीछे
दिल्ली में 30 जनवरी को आठ माह की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वो बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को मौत की सजा देने के पक्ष में नहीं है। एएसजी पीएस नरसिम्हा ने कहा था मौत की सजा हर चीज का जवाब नहीं है। जबकि इसके बाद राजस्थान सरकार ने बीते दिनों ऐसा कानून बना भी दिया है जिसमें बच्चियों से बलात्कार के मामले में मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।
अब पाइए अपने शहर ( Jaipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज