चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ( Subhash Garg ) ने केन्द्रीय आम बजट 2019 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस बजट से राजस्थान प्रदेशवासियों को पूरी तरह निराशा ही हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि यह बजट एक वित्तीय वर्ष का ठोस दस्तावेज न होकर सिर्फ हवा-हवाई बातों का पुलिंदा मात्र लगता है।
आमजन के साथ किसानों पर बोझ मंत्री गर्ग ने कहा कि
railway के लिए 50 लाख करोड़ रुपए की जरूरत बताई गई है, लेकिन यह नहीं बताया कि यह पैसा कैसे जुटाया जाएगा। पेट्रोल और डीजल ( Petrol – Diesel Price Increase ) पर एक रुपया प्रति लीटर रोड एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस के रूप में बढ़ाकर और सोना और बहुमूल्य धातुओं पर ड्यूटी में ढाई प्रतिशत का इजाफा कर आमजन के साथ-साथ किसानों पर महंगाई का बोझ डाल दिया है।
केंद्र सरकार के वादे में नहीं है गंभीरता राज्य मंत्री ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए प्रस्तावित ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट ( Eastern Rajasthan Canal Project ) के बारे में एक शब्द भी इस बजट में केन्द्रीय वित्त मंत्री ने नहीं कहा, सिर्फ वाटरग्रिड का ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कहकर इतिश्री कर ली। ऎसे में देश को जल आत्मनिर्भर बनाने के केन्द्र सरकार के वादे में कोई गंभीरता दिखाई नहीं देती। कृषि एवं उद्योगों के लिए भी कोई दूरदर्शी सोच इस बजट में नहीं है।
मंत्री बोले युवाओं के लिए भी निराशाजनक है बजट तकनीकी शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा केन्द्रीय आम बजट छात्रों एवं युवाओं के लिए भी निराशाजनक है। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने स्टडी इन इंडिया ( Study in India ) जैसा जुमला परोस कर विदेशी छात्रों को भारत बुलाने की बात तो की है, लेकिन आज देश में तकनीकी और उच्च शिक्षा के हालात सुधारने पर उन्होंने कोई रोड मैप नहीं रखा। World Class Universities का जुमला उछाले ही कई साल बीत चुके हैं। अब लोगों को भ्रमित करने के लिए उच्च शिक्षा आयोग का शगूफा छेड़ दिया है। केन्द्र सरकार को समझना होगा कि स्वायत्तता देने से शिक्षा का स्तर सुधरेगा न कि शिकंजा कसने से।