24000 हजार से ज्यादा होमगॉर्ड्स प्रदेश भर में 24200 से भी ज्यादा होमगॉर्ड्स काम कर रहे हैं। इन होमगॉर्ड्स को समय-समय पर डिमांड के अनुसार ड्यूटी पर लगाया जाता है। इन होमगॉर्ड्स में से 2600 से भी ज्यादा होमगॉर्ड्स को शहरों की पुलिस के साथ यातायात व्यवस्था और गश्त पर लगाया जाता है। लेकिन अब सोमवार से इन सभी को गश्त से हटा दिया गया है। पुलिस अफसरों के अनुसार प्रदेश भर में 750 होमगॉर्ड्स यातायात पुलिस के साथ और करीब 1900 होमगॉर्ड्स पुलिस के साथ रात की गश्त पर रहते हैं।
जयपुर शहर मे ये काम करते हैं होमगॉर्ड्स जयपुर शहर में दस साल से भी ज्यादा समय से यातायात पुलिस में भर्ती नहीं की गई है। करीब आठ सौ पुलिसकर्मी ही शहर में दस साल से यातायात व्यवस्था संभाल रहे हैं। दस साल में वाहन तीन गुना तक बढ़ गए हैं। पुलिस की इस गश्त व्यवस्था को देखते हुए ही कुछ साल पहले सत्तर से भी ज्यादा होमगार्ड के जवानों को यातायात पुलिस के साथ लगाया गया। साथ ही करीब सौ पुलिसकर्मियों को शहर पुलिस के साथ रात की गश्त पर लगाया गया। लेकिन सोमवार से दोनों को हटा दिया गया।
दौसा में 820 पर गिरी गाज दौसा में होमगार्ड के 80 जवानों पर गाज गिरी है। शहर में पुलिस की मदद और रात्रि गश्त में 58 होमगार्ड और यातायात पुलिस के साथ 22 होमगार्ड के जवान लगाए गए थे। अब सोमवार रात से इन सभी को वापस भेज दिया गया है। आज से इनकी जगह पर पुलिस ही काम कर रही है।
बीस हजार पुलिसवालों की कमी, पूरी करने की थी कोशिश प्रदेश भर में पुलिस एक लाख आठ हजार से भी ज्यादा पद हैं। इनमें से करीब बीस हजार से ज्यादा पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं। होमगार्ड के जवानों को पुलिस के साथ जोडऩे के पीछे मंशा यही थी कि अपराधों पर लगाम लगे और पुलिस को भी कुछ आराम मिल सके। पुलिस जवानों की तुलना में होमगार्ड्स के जवानों का वेतन भी बीस प्रतिशत तक ही है। होमगार्ड्स को करीब छह हजार रुपए का भुगतान किया जाता है। लेकिन अब इसे भी बंद कर दिया गया है।
अफसरों के पास जवाब नहीं, गृह विभाग के आदेशों का इंतजार प्रदेश में कानून-व्यवस्था संभाल रहे पुलिस अफसरों के पास भी सरकार के इस आदेश का जवाब नहीं है। अफसरों का कहना है कि होमगार्ड पुलिस की मदद की तौर पर लगाए गए थे। मदद भी मिल रही थी। लेकिन अब इनको हटाया गया है। इनकी जगह पर कौन काम करेगा यह तो फिलहाल गृह विभाग की तय करेगा। हांलाकि इनकी जगह पर अब पुलिस वालों की रोटेशन में ड्यूटी लगाने की तैयारी है।