परंपरागत संयंत्र से बिजली उत्पादन न केवल महंगा है, बल्कि इससे प्रदूषण भी बढ़ रहा है। एक किलो कोयले से 2.5 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है, लेकिन इसके साथ कॉर्बन डाइ ऑक्साइड, सल्फर, कॉर्बन मोनो ऑक्साइड सहित अन्य गैस निकलती हैं।
सोलर पार्क 1865 हैक्टेयर भूमि पर विकसित होगा। इसके लिए एनटीपीसी को विकास शुल्क के रूप में 2 लाख रुपए प्रति मेगावॉट हर साल देने होंंगे, जो सलाना 18.50 करोड़ रुपए होंगे। यह राशि 25 साल तक ली जाएगी, जो करीब 462 करोड़ रुपए होगी। एनटीपीसी से अक्षय ऊर्जा निगम पांच सौ करोड़ रुपए की निवेश राशि भी टुकड़ों में लेगा।
पवन ऊर्जा प्लांट से हर दिन 150 लाख यूनिट बिजली उत्पादन।
2500 मेगावाट उत्पादन क्षमता के प्लांट संचालित।
सौर ऊर्जा प्लांट से हर दिन 225 लाख यूनिट बिजली उत्पादन।
4400 मेगावाट उत्पादन क्षमता के प्लांट संचालित।
थर्मल पॉवर प्लांट के जरिए 2200 लाख यूनिट बिजली आपूर्ति।
अजिताभ शर्मा, ऊर्जा सचिव , अध्यक्ष, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम