भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रदेश में पिछले तीन साल से तुष्टीकरण का ‘खेला’ जोरों पर है। संतुष्टिकरण की बजाए तुष्टीकरण चरम पर है। गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक विद्यार्थियों का जिक्र तक न करना और केवल मुस्लिम विद्यार्थियों की संख्या विद्यालयों में 15 फीसदी तक बढ़ाने के निर्देश देना मुस्लिम तुष्टीकरण की पुख्ता बानगी दर्शा रही है।
देवनानी ने कहा कि प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा विद्यालयों में अल्पसंख्यक वर्ग में मुस्लिम विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ाकर 15 फीसदी तक करने के निर्देश देना साफ-साफ सरकार के नापाक मंसूबों को दर्शाता है। कांग्रेस द्वारा मुस्लिम बच्चों की चिंता करना लाजमी है, लेकिन अल्पसंख्यक के नाम पर केवल उनकी ही चिंता करना निश्चित ही कांग्रेस सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। जैन, सिख, बौद्ध, पारसी एवं ईसाई भी अल्पसंख्यक वर्ग का अभिन्न अंक है। इन वर्गों के विद्यार्थियों की भी संख्या विद्यालयों में पहले से बढ़नी चाहिए, लेकिन पता नहीं क्यों प्रदेश सरकार और सरकार में बैठे नेताओं का मन ज्यादा मुस्लिमों पर आ रहा है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा अनेकों योजनाओं के माध्यम से उनका शैक्षणिक, आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण बिना तुष्टीकरण करने की आवश्यकता है। कांग्रेस द्वारा प्रदेश में मुस्लिम तुष्टीकरण का खेला बंद करने में ही सार है नहीं तो आगामी विधानसभा चुनावों में इसका परिणाम भुगतना तय है।