राज्य सरकार ने पिछले साल 1 जून को आदेश जारी किया था। इस आदेश में जेडीए अध्यक्ष को भूमि आवंटन का अधिकार दिया था। अब मामले में जेडीसी को अधिकृत किया है। हालांकि यूडीएच मंत्री व जेडीए अध्यक्ष शांति धारीवाल ने पिछले दिनों JDC को निर्देश दिए थे कि अवाप्ति के मुआवजे समझौते के तहत सेक्टर रोड, रिंग रोड और विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि के बदले विकसित भूमि देने के जो मामले हैं, उन मामलों की पत्रावलियां स्वीकृति के लिए उनके पास नहीं भेजी जाए।
बतौर जेडीए अध्यक्ष उनकी स्वीकृति के लिए पत्रावलियां भेजन की बजाय जेडीसी अपने स्तर पर प्रकरणों का पूर्ण परीक्षण कर गुणावगुण और नियमों/विभागीय परिपत्रों के परिपेक्ष्य में निस्तारण करें, लेकिन धारीवाल के निर्देशों के बाद अब आदेश जारी होने से यह शक्ति जेडीसी के पास आ गई है। माना जा रहा है कि सरकार के आखिरी 6 महीने के प्रकरणों की जांच की जो परंपरा के चलते मंत्री धारीवाल ने यह अधिकार जेडीसी को दिया हैं एकल पट्टा प्रकरण की वजह से भी धारीवाल बचना चाह रहे हैं।