जयपुर

राजस्थान सरकार का नया फरमान, निकाय की बैठकों में ‘पार्षद पति’ नॉट अलाउड

निकायों में ज्यादातर महिला पार्षद सक्रिय नहीं हैं। उनके पति या रिश्तेदार ही निकाय दफ्तरों के चक्कर लगाकर जनता के काम करवाते हैं। यही नहीं कई पार्षदों के पति तो निकायों की बैठकों तक में शामिल होते हैं। इस पर सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है।

जयपुरMay 06, 2022 / 02:13 pm

Umesh Sharma

राजस्थान सरकार का नया फरमान, निकाय की बैठकों में ‘पार्षद पति’ नॉट अलाउड

निकायों में ज्यादातर महिला पार्षद सक्रिय नहीं हैं। उनके पति या रिश्तेदार ही निकाय दफ्तरों के चक्कर लगाकर जनता के काम करवाते हैं। यही नहीं कई पार्षदों के पति तो निकायों की बैठकों तक में शामिल होते हैं। इस पर सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। सरकार ने पुराने आदेशों का हवाला देते हुए साफ किया है कि निकायों के क्रियाकलापों और बैठकों में महिला पार्षद के पति या रिश्तेदार शामिल नहीं होंगे। यही नहीं निकाय के कामों में भी पति या रिश्तेदार दखलन्दाजी नहीं करेंगे। निकायों को सख्त ताकीद किया गया है कि अगर इस आदेश का उल्लंघन किया गया तो संंबंधित अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शील धाभाई ने की थी सख्ती

नगर निगम ग्रेटर जयपु में पूर्व कार्यवाहक महापौर शील धाभाई ने भी महिला पार्षद के पति की एंट्री बंद कर दी थी। बाकायदा निगम दफ्तर में जगह—जगह पार्षद पति की नो एंट्री के पर्चे तक लगाए गए थे। धाभाई ने कहा था कि इस आदेश के पीछे उनका मंतव्य यही है कि महिला पार्षद खुद एक्टिव हों और खुद समझे कि निगम में काम कैसे करवाया जाता है।

आदेश की इसलिए पड़ी जरूरत

दरअसल निकाय के कर्मचारी लगातार इस तरह की शिकायतें करते रहे हैं कि पार्षद पति उनके काम में हस्तक्षेप करते हैं। खुद महिला पार्षद कुछ नहीं बोलती और उनके पति ही सभी आदेश देते हैं। खासकर सफाई के काम में उनका पूरा हस्तक्षेप है। इन शिकायतों के बाद दोबारा निर्देश जारी किए गए हैं।
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