उन्होंने कहा कि 2014-15 में सरकार का 3215 करोड़ का रेवन्यू डेफीसिएट था, जो 2017-18 में बढ़कर 20165 करोड़ रुपए हो गया। उन्होंने कहा कि कैपिटल की बचत से रेवन्यू डेफीसिएट की कमी पूरा करना अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में कर्ज की स्थिति चरम पर है। हम 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक कर्ज नहीं ले सकते, वहीं अभी हमारे ऊपर 3 लाख 8 हजार 33 करोड़ रुपए कर्ज हो चुका है। इसके अलावा उन्होंने सरकार की ओर से की गई घोषणाओं पर कहा कि इनका बजट में वित्तीय प्रावधान नहीं किया है। जबकि यह भविष्य का सुन्दर खाका है। यदि यह पूरा हो जाए तो निश्चित रूप से राजस्थान का विकास होगा। इसके अलावा उन्होंने बेरोजगारी का मामला भी उठाया।
लघु-सीमांत किसान के चलते बिगड़ेगी स्थिति
किसान कर्जमाफी पर उन्होंने कहा कि इसे लघु-सीमांत की बजाय सभी के लिए सरकार को लागू करना चाहिए। ऐसा नहीं करने से स्थिति बिगड़ सकती है। सरकार ने 80 हजार करोड़ कर्ज में से सिर्फ 8 हजार करोड़ कर्ज माफी की घोषणा की है। उसमें भी दो हजार करोड़ का ही प्रावधान किया है।
सेनेटरी नेपकिन वितरण की हो जांच
तिवाड़ी ने बजट में सैनटेरी नैपकिन वितरण की घोषणा की है। जबकि यह काम पहले ही कर दिया गया। किन लोगों को दी गई है, यह सभी जानते हैं। यहां सभी के नाम-पते मत खुलवाओ।
शीर्ष नेतृत्व के आश्वासन के बाद बरखेड़ा का रास्ता ही बंद कर दिया
तिवाड़ी ने जैन तीर्थ बाड़ा पदमपुरा का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट कुछ इधर-उधर हो सकता है। इस पर नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने कहा कि उसे छोड़ दिया है। शीर्ष नेतृत्व ने आश्वासन दिया है। तिवाड़ी ने पलटवार कर कहा कि शीर्ष नेतृत्व के आश्वासन के बाद जो नक्शा बना है उसकी बात कर रहे हैं। इसमें बरखेड़ा का ही रास्ता बंद कर दिया।