पायलट ने राज्य की कानून व्यवस्था पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पर और ध्यान देने की जरूरत है। जनता को कांग्रेस सरकार से काफी उम्मीद हैं, जिन्हें हमें हर हाल में पूरा करना होगा। अलवर, धौलपुर, भरतपुर आदि स्थानों पर कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। इसलिए हमें लॉयन ऑर्डर पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री गहलोत ही प्रदेश के गृहमंत्री भी है। इसके चलते उनके पायलट के इस बयान के अलग ही राजनीतिक मायने निकाले जाने लगे हैं।
कटारिया ने कहा किसी और को दें गृह विभाग प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं। पपला गुर्जर पुलिस की मिलीभगत से भागा है। यदि सीएम गहलोत से गृह विभाग नहीं संभल रहा तो वे किसी अन्य साथी को इसका जिम्मा दे दें।
राजे के बंगले पर भी साधा था निशाना गौरतलब है कि मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सरकारी बंगला खाली कराए जाने के सवाल पर पायलट ने उम्मीद जताई थी कि मुख्यमंत्री इस पर कुछ ना कुछ कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा था कि ‘मुझे लगता है कि सबको कानून की पालना करना चाहिए।’ जबकि इस मामले में सीएम गहलोत ने पहले ही कह रखा है कि सरकार की वरिष्ठता को लेकर पॉलिसी द्वारा तय किया जाएगा कि पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा बंगला खाली करवाया जाए या नहीं। गौरतलब है कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने मिलाप चन्द डांडिया एवं अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई आजीवन सुविधाओं पर रोक लगा दी गई थी। इस फैसले के अंतर्गत पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकार बंगले खाली करने थे। प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाड़िया को सरकारी बंगले मिले हुए हैं।