वहीं, दूसरी ओर शिक्षक संगठनों का कहना है कि तबादलों को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। अभी तक स्थानान्तरण नीति नहीं बनी है। 24 जून से स्कूल ग्रीष्मावकाश के बाद फिर से खुल जाएंगे। ऐसे में स्थानान्तरण नीति के हिसाब से होना मुश्किल है।
शिक्षक संघ अरस्तु के प्रदेशाध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल का कहना है कि सरकार को तबादलों को लेकर नीति स्पष्ट करनी चाहिए। बिना नीति के तबादले नहीं होने चाहिए। कई बार शिक्षामंत्री कह चुके हैं कि तबादले ग्रीष्मावकाश में ही किए जाएंगे, जिससे बीच सत्र में बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो।
मंत्री का कहना है कि स्थानान्तरण नीति बनाने पर काम चल रहा है, लेकिन अब विभाग के पास इतना समय ही नहीं है कि 24 जून को स्कूल खुलने से पहले आवेदन लेकर स्थानान्तरण नीति के हिसाब से तबादले हो सकें।
बता दें कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के साथ ही शिक्षा विभाग में एक बार फिर तबादलों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। ऐसे में कुछ दिनों पहले मंत्री ने बताया कि राजनीतिक आधार पर पिछली सरकार में जिनके तबादले हुए थे उन्हें न्याय दिलाया जाएगा। शिक्षक तबादलों के लिए जल्द ही तबादला नीति और पॉलिसी बनाने की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कई पिछली सरकार में करीब 50 हजार से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादले हुए थे। इनमें से कई तबादले राजनीतिक आधार पर जबरन किए गए थे। अब ऐसे लोगों को राहत देने की सरकार तैयारी कर रही है।