राज्य कर्मचारियों की कार्यालय पहुंचने की लेट लतीफी को लेकर राज्य सरकार का रूख सख्त है। इसको लेकर राज्य सरकार ने कर्मचारियों के सबसे बड़े घर सचिवालय पर ही निशाना साधा है। सचिवालय कर्मचारियों की देरी से आने की बढ़ती शिकायतों को लेकर अब तक सचिवालय में चार बार कार्रवाई की जा चुकी है। लेकिन अभी तक भी सभी कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच रहे। यह जरूर है कि चौथी पर एक दिन पहले ही हुई इस कार्रवाई में पहले के मुकाबले अनुपस्थित कर्मचारी काफी कम मिले।
प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से कराई जा रही इस कार्रवाई में सचिवालय के अलावा जिलों के अन्य दफ्तरों में भी अभियान चल रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा फोकस सचिवालय पर है। राज्य सरकार के कामकाज को गति देने का सबसे पहले काम सचिवालय से ही शुरू होता है। ऐसे में सरकार सचिवालयों कर्मियों को लेकर ज्यादा सख्त नजर आ रही है।
एक दिन पहले ही प्रशासनिक सुधार विभाग के 23 कर्मचारियों के दल ने सचिवालय से सुबह 9.40 बजे तमाम विभागों के करीब 300 रजिस्टर जब्त किए। इनमें 993 गजेटेड अधिकारियों में से 199 अनुपस्थित मिले। इसी प्रकार 1906 नॉन गजेटेड कर्मचारियों में से 282 अनुपस्थित थे। इस प्रकार 2899 में 481 कार्मिक समय पर सचिवालय नहीं पहुंचे थे।
एक दिन पहले ही प्रशासनिक सुधार विभाग के 23 कर्मचारियों के दल ने सचिवालय से सुबह 9.40 बजे तमाम विभागों के करीब 300 रजिस्टर जब्त किए। इनमें 993 गजेटेड अधिकारियों में से 199 अनुपस्थित मिले। इसी प्रकार 1906 नॉन गजेटेड कर्मचारियों में से 282 अनुपस्थित थे। इस प्रकार 2899 में 481 कार्मिक समय पर सचिवालय नहीं पहुंचे थे।
सचिवालय में प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख सचिव आर. वेंकटेश्वरन के निर्देश पर इससे पहले 30 सितंबर, 1 और 4 अक्टूबर को औचक निरीक्षण किया जा चुका है। विभाग के अधिकारियों का मानना है कि मानना है कि लगातार जांच कार्रवाई होने से कर्मचारियों के समय पर कार्यालय पहुंचने का प्रतिशत काफी सुधरा है। इसमें आगे और सुधार को लेकर रजिस्टर जब्त की कार्रवाई होगी।
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