करीब 8 लाख कर्मचारी सरकार ने नाखुश
कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि महासंघ ने 17 फरवरी को जिला मुख्यालय पर धरना देकर सरकार को अपनी 11 सूत्री मांग पत्र का ज्ञापन सौंपा था, लेकिन बावजूद इसके सरकार ने कमर्चारी की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में 5 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाकर कर्मचारियों को खुश करने की कोशिश की है, लेकिन वो इससे खुश होने वाले नहीं हैं। राठौड़ का कहना है कि महंगाई भत्ता दिए जाने की घोषणा स्वागत योग्य है लेकिन महासंघ की बाकी मांगों को नहीं मानने से कर्मचारियों में नाराजगी बनी हुई है। कर्मचारियों ने इस मामले में द्विपक्षीय वार्ता कर कर्मचारियों की मांगों को मानने की बात कही है। ऐसा नहीं होने पर कर्मचारी आंदोलन का रूख उग्र कर सकते हैं।
राजधानी में देंगे क्रमिक धरना
आपको बता दें कि अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने कई बार सरकार को चेतावनी दी है। लेकिन सरकार ने अभी तक मांगे नहीं मानी हैं। अब महासंघ की ओर से 24 से 28 फरवरी तक राजधानी में धरना देगा। महासंघ की ओर से यह धरना आठ प्रमुख मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए राजधानी जयपुर में होगा। इसमें महासंघ एकीकृत से संबद्ध सभी संगठनों के पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल होंगे । 24 फरवरी को महासंघ (एकीकृत) के संयुक्त महामंत्री कपिल चौधरी के नेतृत्व में जिला कलेक्ट्रेट जयपुर पर राज्य कर्मचारी धरने पर बैठेंगे।
ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांग
महासंघ की प्रमुख मांगों की बात करें तो इसमें वित्त विभाग की 30 अक्टूबर 2017 की अधिसूचना से बड़ी संख्या में कर्मचारी वर्ग प्रभावित है। राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन से कटौती कर रही है। इसमें पेंशनर्स भी शामिल हैं। इससे प्रदेश के राज्य कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। महासंघ की ओर से इस वेतन कटौती के आदेश को शीघ्र निरस्त करने की राज्य सरकार से मांग की जा रही है। इसके अलावा सामंत कमेटी की रिपोर्ट को प्रकाशित करने, 9 ,18 व 27 वर्ष पर देय एसीपी के स्थान पर 7, 14, 21, 28 व 32 वर्ष पर एसीपी का लाभ प्रमोशनल पोस्ट के समान देने, तथा कांग्रेस के घोषणा पत्र में की गई घोषणाओं के क्रियान्वित करने की मांग की जा रही है।