वहीं इस योजना पर काम रही सरकार को भरोसा है कि इस तरह के ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए राज्य में पशु कारोबार को अधिक से अधिक बढ़ावा मिलेगा। इस मामले प्रदेश की सरकार ने किसानों को वेबसाइट चलाने के लिए एक संघ बनाने के लिए कहा है। इतना ही नहीं राज्य किसानों का संघ यहां की उच्च नस्लों गिर और थारपरकर जैसे गायों पर ज्यदा ध्यान देने को सलाह दी है।
राज्य के गाय कल्याण मंत्री ओतराम देवारसी ने ई-कॉमर्स के बारे में कहा कि हमारा मकसद है कि प्रदेश के किसानों की आमदनी में इजाफा हो, साथ ही वह अपने गायों को भी नहीं छोड़े। इस तरह के पोर्टल के जरिए उन्हें पशुओं का उचित मूल्य मिलेगा और दलालों और बिचौलियों की भूमिका पर भी लगाम लगेगा। जबकि कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त निदेशक लाल सिंह के मुताबिक, अगले 6 महीने में इसे लॉन्च करने की संभावना है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार के आंकड़े के मुताबिक, प्रदेश में लगभग 6 से अधिक मवेशियों के लिए 2,300 से अधिक गौशालाएं मौजूद है। जबकि राजस्थान सरकार गायों को लेकर कई तरह के काम भी कर रही है। क्योंकि पिछले दिनों यहां अधिक संख्या में गायों की मौत होने के कारण को काफी आलोचनाओं का समना करना पड़ा था। इस लिए सरकार को इस ई-कॉमर्स पोर्टल से काफी उम्मीद है कि यह गायों के साथ-साथ किसानों के हितों की भी रक्षा हो सके।