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जैव विविधता बढ़ाने के लिए जापान की मदद लेगी राजस्थान सरकार

locationजयपुरPublished: Feb 13, 2019 06:47:18 pm

फिर जापान के भरोसे राजस्थान वानिकी

जैव विविधता बढ़ाने के लिए जापान की मदद लेगी राजस्थान सरकार

जैव विविधता बढ़ाने के लिए जापान की मदद लेगी राजस्थान सरकार

राजस्थान के वन क्षेत्र को और अधिक विकसित करने में राजस्थान सरकार एक बार फिर जापान से मदद लेगा। वानिकी क्षेत्र एवं जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को विधानसभा में लेखानुदान वानिकी विकास प्रस्ताव पेश किया।
इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में वानिकी एवं जैव विविधता के लिए राज्य सरकार की सहभागिता से एक नया प्रोजेक्ट तैयार कर जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) को प्रस्तुत करने की घोषणा की। जानकारी के अनुसार, इस प्रोजेक्ट पर विभाग ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसमें कई नए कॉन्सेप्ट पर काम होगा। इनमें प्लांट माइक्रो रिजर्व विकसित करने के साथ-साथ पुर्नसंरक्षण भी प्रमुख रूप से शामिल हैं।
– वर्ष 2011-12 में भी जापान एजेंसी से मदद
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने पूर्व कार्यकाल के दौरान वर्ष 2011-12 में भी जापान इंटरनेशनल कॉ-आपरेशन एजेंसी के साथ ‘राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना फेज-2Ó साझा किया था। इसमें जेआईसीए के वित्तीय सहयोग से राजस्थान राज्य के 10 मरूस्थलीय, 5 गैर मरूस्थलीय जिले और 7 वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में परियोजना पर काम किया था।
इस 8 वर्षीय परियोजना की कुल लागत 1152.53 करोड़ थी। इसके तहत वनीकरण, कृषि वानिकी, मृदा एवं जल संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण, गरीबी उन्मूलन एवं आजीविका संवर्धन कार्य शामिल थे। गौरतलब है कि जापान एजेंसी कई राज्यों में जैव विविधता बढ़ाने के लिए सरकारों की मदद कर रही हैं।
– ऑनलाइन प्रक्रिया से आसान होंगे काम
वनाधिकार अधिनियम की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए ऑनलाइन आवेदन एवं वनाधिकार पत्र जारी किए जाएंगे। इससे वन संबंधित कार्य से पूर्व की प्रक्रिया तो आसान हो जाएगी। लेकिन इसके बारे में विशेषज्ञ नुकसान भी बता रहे हैं। विशेषज्ञ विष्णु लांबा ने बताया कि इसमें वन क्षेत्र में मानवीय हस्तक्षेप भी बढ़ेगा। प्राकृतिक सम्पदा को नुकसान हो सकता हैं।

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