राज्यपाल मिश्र ने पीएम मोदी को राजस्थान में कृषि सुधार agricultural improvement के लिए प्रदेश में केन्द्र की योजनाओं से जनता को मिल रहे फायदों के साथ ही राज्य सरकार की योजनाओं पर भी चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी को यह भी बताया कि प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाकों में शिक्षा एवं सामाजिक उत्थान की कौन कौन सी योजनाए संचालित की जा रही है और उनकी क्रियान्वयन कैसा है।
इससे पहले कलराज मिश्र ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन में शिरकत करते हुए प्रदेश का विजन रखा।। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृृषि एवं सहायक क्षेत्रों का अधिक महत्व है और अधिकतर क्षेत्रों में कृषि वर्षा पर ही आधारित है। इसके चलते किसानों का भविष्य हमेशा संभावनाओं से घिरा रहता है। उन्होंने राज्य की कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का विस्तार से जिक्र करते हुए प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की जरूरत बताई। मिश्र ने जोर देकर कहा कि राजस्थान में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के अंशदान में लगातार गिरावट आ रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का सफल क्रियान्वयन प्रदेश में किया जा रहा है। विभिन्न फसलों के उत्पादन में जोखिम को कम करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को राज्य में लागू किया गया है। राज्य में स्थापित बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं में बीजों की जांच केन्द्र द्वारा निर्धारित न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानकों के अनुरूप करके राज्य के किसानों उच्च गुणवत्ता का बीज उपलब्ध करवाया जा रहा है।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि राजस्थान की स्थिति विकसित राज्यों की श्रेणी में होने के कारण योजना के तहत प्रदेश को तुलनात्मक रूप से कम केंद्रीय सहायता मिलती है। राजस्थान को विकट भौगोलिक परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में विशिष्ठ राज्य का दर्जा प्रदान करते हुए फंडिंग पैटर्न उतरी-पूर्वी राज्यों के समकक्ष किया जाना चाहिए। इसके साथ ही दलहन बीज उत्पादन एवं प्रमाणित बीच वितरण कार्यक्रम के तहत निर्धारित बजट प्रावधान 15 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाना चाहिए।
उन्होंने हाल ही में प्रदेश के बीकानेर एवं नागौर जिलों में पोटाश के भंडार मिलने, विशेष योग्यजनों का सरकारी सेवाओं में आरक्षण तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत करने और बाड़मेर में रिफाइनरी का काम तेजी से चलने की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि समावेशी आर्थिक प्रगति एवं रोजगार सृजन तथा निरीक्षण एवं स्वीकृतियों से छूट दिलाने के उद्देश्य से राजस्थान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (फैसेलिटेशन ऑफ एस्टेबिलेशमेन्ट एण्ड ऑपरेशन) अधिनियम, 2019 लागू किया गया है। इससे उद्यमों को तीन वर्ष तक विभिन्न विभागों की स्वीकृति एवं निरीक्षणों से छूट मिल जाएगी।