नहीं मिला 7वां वेतनमान और बोनस भी रोडवेज कर्मचारी 7वें वेतनमान, बोनस व एक्सग्रेसिया नहीं मिलने से पहले ही गुस्से में हैं, अब डीए रोके जाने से प्रदेश स्तर पर कर्मचारियों का गुस्सा कभी भी फूट सकता है। रोडवेज में करीब 23 हजार कर्मचारी हैं। बताया जा रहा है कि तीन चार माह से रोडवेज की आय में भी 10 से 15 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। सरकार भी 45 करोड़ रुपए हर माह वेतन-भत्ते के लिए दे रही है। पहले सातवां वेतनमान नहीं मिलने और अब डीए रोके जाने से कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी रोडवेज प्रबंधन से भी कई बार मुलाकात कर चुके हैं। फिर भी सुनवाई नहीं होने से अब आक्रोशित है। खास बात यह है कि रोडवेज में सरकार ओर से मुखिया व प्रमुख पदों पर नियुक्त करीब आठ अधिकारी अपने बढ़े हुए वेतन भत्ते का लाभ रोडवेज से उठा रहे हैं। लेकिन मूल कर्मचारी इससे वंचित हैं।
सरकार ने डीए किया लागू, पर रोडवेज में लाभ नहीं
4 फीसदी, जनवरी 2017 3 फीसदी, जुलाई 2017
3 फीसदी, जनवरी 2018 मंत्री ने भी किया वादा, नहीं किया पूरा
4 फीसदी, जनवरी 2017 3 फीसदी, जुलाई 2017
3 फीसदी, जनवरी 2018 मंत्री ने भी किया वादा, नहीं किया पूरा
रोडवेज मुख्यालय में 23 फरवरी-18 को रक्तदान शिविर में परिवहन मंत्री यूनुस खान ने कर्मचारियों से वादा किया था कि रोका गया डीए तत्काल चालू करा दिया जाएगा। इतना ही नहीं मंत्री ने आश्वासन दिया था कि उसी दिन शाम तक डीए दिलाए जाने के आदेश जारी करा दिए जाएंगे। मगर एक माह बाद भी डीए नहीं मिला। मंत्री ने बोनस व एक्सग्रेसिया दिलाने के लिए भी कहा था।
नहीं मिल रहा समान लाभ राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है, जबकि सरकार के समान ही रोडवेज में वेतन-भत्ते लागू किए जाते हैं। इसके बावजूद रोडवेज प्रशासन घाटे की बातें कर इन कर्मचारियों को राज्यकर्मियों के समान वेतन भत्ते नहीं दे रहा।