ये जिले और सेक्टर चुने अलवर में खाद्य प्रसंस्करण व हस्तशिल्प, अजमेर में गोटालूम व हस्तशिल्प, बांसवाड़ा में हस्तशिल्प व कृषि उद्योग, बारां में कृषि उद्योग, हस्तशिल्प, हथकरघा और वनोत्पाद, बाड़मेर में हस्तशिल्प व हथकरघा, भरतपुर में खाद्य प्रसंस्करण, भीलवाड़ा में वस्त्र व खनिज, बीकानेर में सिरेमिक, खाद्य प्रसंस्करण व ऊनी वस्त्र, बूंदी में खाद्य प्रसंस्करण व चावल, चित्तौडगढ़़ में स्टोन कटिंग व होटल पर्यटन, चूरू में लकड़ी हस्तशिल्प, दौसा में खाद्य प्रसंस्करण व हस्तशिल्प, धौलपुर में दुग्ध, डूंगरपुर में हस्तशिल्प व स्टोन, हनुमानगढ़ में कृषि उद्योग, जयपुर में इंजीनियरिंग उत्पाद, कास्टिंग व इलेक्ट्रिकल उत्पाद, जालौर में हथकरघा, जैसलमेर में स्टोन, झालावाड़ में स्टोन व हथकरघा, झुंझुनूं में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण, जोधपुर में हस्तशिल्प, करौली में स्टोन व लाख चूड़ी, कोटा में खाद्य प्रसंस्करण, नागौर में हस्तशिल्प व औजार, पाली में वस्त्र, पर्यटन, प्रतापगढ़ में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, राजसमंद में स्टोन कटिंग, सिरेमिक, ज्वैलरी व हस्तकला, सीकर में हस्तशिल्प व खनिज, सवाई माधोपुर में पर्यटन व खाद्य प्रसंस्करण, सिरोही मार्बल हस्तशिल्प, श्रीगंगानगर में कृषि प्रसंस्करण, टोंक में स्टोन व कृषि प्रसंस्करण और उदयपुर में वस्त्र, हस्तशिल्प व पर्यटन
पत्रिका के विजन पर मुहर केन्द्र और राज्य सरकारों को स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने वाले यह कदम कोरोना काल में राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाए गए ….. अभियान के अनुरूप ही हैं। राजस्थान पत्रिका ने इस अभियान में भी स्थानीय को अपनी थीम बनाया। एक ओर जहां बाहरी राज्यों से लौट रहे प्रवासियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार की हिमायत की तो वहीं जिलों की विशेष पहचान बन चुके उत्पादों के उत्पादन पर विशेष फोकस करने की वकालत की। अभियान के दौरान सरकारी एजेंसियों, उद्यमियों और हर वर्ग के विशेषज्ञों के साथ वेबिनार आयोजित की गईं। समाचारों के जरिए कोरोना काल को विकास का अवसर बनाने के प्रति जागरूकता संबंधी समाचार प्रकाशित किए।