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फिर बाहर आएगा गुर्जर आरक्षण आंदोलन का जिन्न! बोले बैंसला- सरकार ने लॉलीपॉप देकर बहुत दिया धोखा- बस अब और नहीं

locationजयपुरPublished: Aug 17, 2017 10:27:00 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

बैंसला ने कहा कि चुनाव घोषणा-पत्र में गुर्जरों को पांच प्रतिशत एसबीसी आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन वादे पर अमल नहीं किया जा रहा है।

Rajasthan Gurjar Reservation
जयपुर/ मेहंदीपुर बालाजी।

राजस्थान सरकार की ओर से वादे के मुताबिक़ आरक्षण की मांग पूरी नहीं होने से गुर्जरों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है। कई दौर की वार्ताओं के बाद भी इस सिलसिले में कोई कदम नहीं बढ़ने से समाज अब आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गया है।
प्रदेश में गुर्जर आरक्षण आंदोलन की सबसे पहले अगुवाई करने वाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने फिर से सरकार से मांगे मनवाने को लेकर कमान संभाल ली है। गुर्जर प्रतिनिधियों और सरकार के बीच इसी मसले पर वार्ता के लिए एक बार फिर जयपुर में बैठक बुलाई गई है।
इस बीच कर्नल बैंसला ने फिर छटा दिया है कि अगर वार्ता बेनतीजा रही तो आगामी दिनों में महापंचायत कर आंदोलन की रूपरेखा बनाई जायेगी।

समीपवर्ती पीपलखेड़ा गांव स्थित गोपाल होटल पर बुधवार को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल बैंसला ने पीपलखेड़ा, पाटोली व करणपुर गांव के पंच-पटेलों के साथ बैठक की। इस दौरान 18 अगस्त को आयोजित होने वाली गाजीपुर-खावदा महापंचायत को लेकर चर्चा की।
वहीं दूसरी ओर आज सचिवालय में एसबीसी आरक्षण को लेकर गुर्जर नेताओं से मंत्रीमंडलीय समिति की होने वाली वार्ता पर भी गुर्जर समाज की निगाह बनी हुई है। बैंसला ने कहा कि जयपुर में सरकार से होने वाली वार्ता यदि सकारात्मक नहीं रहती तो डूडकारी महापंचायत में आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समाज दर्जनों आंदोलन व महापंचायतें आयोजित कर आरक्षण के लिए एक दशक से संघर्ष किया जा रहा है, लेकिन सरकार उन्हें लॉलीपोप देकर धोखा कर रही है। बैंसला ने कहा कि भाजपा ने अपने सुराज संकल्प चुनाव घोषणा-पत्र में गुर्जरों को पांच प्रतिशत एसबीसी आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन वादे पर अमल नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने पंच-पटेलों से महापंचायत को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की बात कही। वहीं उन्होंने सरकार की तरफ से आ रहे सुझाव को लेकर भी बंद कमरे में पंच-पटेलों से वार्ता की।
उन्होंने कहा कि सरकार से होने वाली वार्ता विफल रही तो आंदोलन करेंगे। इस मौके पर शैलेन्द्रसिंह, भवंरसिंह, पूरणसिंह, विक्रम मंडावर, विजयसिंह, राधे पाटोली, सूबेदार भरतसिंह, घनश्याम टुडियाना, राजेन्द्रसिंह पीपलखेडा सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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