5 दिसंबर तक 7500 हज आवेदन ही आ पाए हैं। दरअसल इस बार हज यात्रा 2020 के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 10 नवंबर तय की गई थी 10 नवबंर तक महज 5 हजार आवेदन आए, आवेदनों की सुस्त चाल को देखते हुए आवेदन की आखिरी तारीख 5 दिसंबर तय की गई जहां बड़ी मुश्किल आंकड़ा सात हजार के पार पहुंच पाया। जिसके बाद फिर एक बार आवेदन की आखिरी तारीख 17 दिसंबर कर दी गई है। यहां भी कोई खास असर नहीं पड़ता दिख रहा है।
6 साल में सबसे कम आंकड़ा
हज कमेटी के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2015 से लेकर 2020 के बीच इस बार हज यात्रा 2020 के लिए 7500 आवेदन अभी तक आ चुके हैं। जो कि पिछले 6 सालों में सबसे कम है। साल 2015 में 16,519 आवेदनआए। इसके अलावा साल 2019 के लिए 10,812 आवेदन आए थे। सबसे ज्यादा आवेदन 2017 में 17,796 आवेदन आए हैं।
घटते आवेदनों की वजह ये भी
सूत्रों की माने तो हज यात्रा के लिए घटते आवेदनों की एक वजह नई हज नीति भी है। जिसके तहत प्रदेश से हज पर जाने वाला व्यक्ति केवल एक बार ही हज कर सकता है, जबकि पूर्व के नियमों के मुताबिक पूर्व में हज कर चुका शख्स पांच साल बाद पुनः हज के लिए आवेदन कर सकता था। इसके अलावा आर्थिक मंदी और हज सब्सिडी खत्म करना भी इसके प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं। नई हज नीति के विरोध में कई सामाजिक संगठन भी विरोध मेंउतरे हुए हैं।
हज लॉटरी पर भी संशय
वहीं दूसरी एक ओर जहां राजस्थान के हज कोटे में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है तो वहीं हज आवेदकों के आवेदन में गिरावट आ रही है। ऐसे में इस बार हज लॉटरी को लेकर भी संशय है कि इस बार लॉटरी निकलेगी भी या नहीं क्योंकि अभी तक आवेदन कोटे के बराबर ही आ पाए हैं। 2019 में साढ़े छह हजार से ज्यादा हज यात्रियों ने हज यात्रा की थी।
राजस्थान से घटते हज आवेदक
साल 2015 में कुल आवेदन -16,519
साल 2016 में कुल आवेदन -16,893
साल 2017 में कुल आवेदन -17,796
साल 2018 में कुल आवेदन -14,420
साल 2019 में कुल आवेदन -10,812