बता दें कि सीएम वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा पर सरकारी खर्च के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा के दौरान कोई भी सरकारी कार्यक्रम साथ-साथ आयोजित नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने गौरव यात्रा के दौरान किसी भी तरह के सरकारी कार्यक्रम पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गए हैं।
पायलट ने बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने गौरव यात्रा के शुरूआत के समय ही मुख्यमंत्री से पहला प्रश्न किया था कि सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल कर अपने राजनीतिक हित साधने में क्या वे गौरव महसूस करती हैं। क्या सरकार की यह नीति नैतिक है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपने खोते हुए जनाधार को हासिल करने के लिए गौरव यात्रा के नाम का जो ढोंग रच रही हैं, उसमें सरकारी खजाने को खुलकर लुटाया जा रहा था, जिस पर कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति दर्ज कराई थी।
उधर, सरकार ने न्यायपालिका में स्पष्टीकरण दिया था कि सरकारी कार्यक्रमों में ही सरकारी संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। लेकिन सब जानते थे कि करोड़ो रुपए खर्च कर भाजपा सरकार अपनी पार्टी के कार्यक्रम को आयोजित कर अपने राजनीतिक हित साध रही है।
अब स्पष्ट हो चुका है कि भाजपा सरकार कोई सरकारी आयोजन पार्टी की यात्रा के दौरान नहीं कर सकती है, इसलिए आवश्यक है कि पार्टी के प्रचार-प्रसार के लिए हुए सरकारी पैसे के दुरुपयोग का सम्पूर्ण लेखा-जोखा सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया जाए। जो राशि खर्च हुई है, उसे राजकोष में जमा कराया जाए।