राज्य में महिलाओं और बालिकाओं पर बढ़ते अत्याचार को लेकर पिछले वर्ष 17 मई को ‘राजस्थान पत्रिका’ में प्रकाशित टिप्पणी ‘निकम्मेपन की हद’ पर स्वप्रसंज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक व गृह सचिव से जवाब मांगा था।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने न्याय मित्र विकास बालिया तथा अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित को ड्राफ्ट प्रशिक्षण मैन्युअल बनाने के लिए सभी सेक्टर्स के रिसर्चर्स, पेशेवर तथा विषय विशेषज्ञों के नाम सुझाने को कहा था। वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा एवं न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने मंगलवार को एक बार फिर नाम सुझाने को कहा है।
कोर्ट को बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय तथा देश में विभिन्न राज्यों में ऐसे अपराधों की रोकथाम, अनुसंधान,पीड़ित के मानसिक संबल, पुनर्वास तथा ट्रायल के दौरान पेशेवर तरीके से कार्य करने के लिए प्रशिक्षण मैन्युअल बनाए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यौन अपराधों के अनुसंधान में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) का पालन किया जाता है।