विदेशी पर्यटक की मौत के कारण अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर छवि खराब होने पर चिंता जाहिर की है, वहीं विदेशी पर्यटक की मौत पर मुआवजा देने और दोषी अधिकारी या एजेंसी से उसकी वसूली करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने विदेशी पर्यटक की मौत पर अधिकारी या एजेंसी की जिम्मेदारी तय करने को भी कहा है। न्यायाधीश मनीष भण्डारी ने ओम मेटल इंफ्राप्रोजेक्ट लिमिटेड़ की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान विदेशी पर्यटक की मौत पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है।
नगर निगम दायित्व पूरा करने में विफल
कोर्ट ने कहा कि नगरीय विकास कर से जुडे अवमानना के मामले पर सुनवाई के दौरान जयपुर शहर से सम्बन्धित मीडिया में छाए मुद्दों को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। मीडिया में जो आ रहा है उसके अनुसार नगर निगम अपने दायित्व को पूरा करने में विफल रहा है। नगर निगम कर की वसूली करने के बावजूद मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं करा पा रहा है। ठेका देने के बावजूद आवारा पशु नहीं पकड़े जा रहे हैं। आवारा पशुओं के साथ ही सड़कों के सहारे केबल डालने के लिए खुदाई व गड्ढे भी दुर्घटना का कारण बने हुए हैं, इनके कारण यातायात सुचारू नहीं चल पा रहा है।
दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो
कोर्ट ने कहा कि जयपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल है, इसके लिए भारी पैसा आ रहा है। कोर्ट ने नगर निगम से कहा है कि आवारा पशु और सड़कों पर गड्ढों की मरम्मत के लिए कोई ठेका या करार है, तो उनकी कॉपी पेश की जाए। कोर्ट ने कहा कि कोई दुर्घटना हो तो दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए और अधिकारियों को आदेश से अवगत कराया जाए। इससे अधिकारी समस्याओं के प्रति भविष्य में गंभीर रहेंगे।
केन्द्र के अभियान पर अधिकारी गंभीर नहीं
कोर्ट ने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान चला रखा है, लेकिन लगता है अधिकारी इसको लेकर गंभीर नहीं हैं। सड़कों पर जगह—जगह गंदगी फैली हुई है। कोर्ट ने शहर की समस्याओं को लेकर मीडिया कवरेज की तारीफ की है। वहीं इस मामले में सुनवाई के दौरान सहयोग के लिए अधिवक्ता अनन्त कासलीवाल व अधिवक्ता वैभव कासलीवाल को न्यायमित्र बनाया गया है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान चला रखा है, लेकिन लगता है अधिकारी इसको लेकर गंभीर नहीं हैं। सड़कों पर जगह—जगह गंदगी फैली हुई है। कोर्ट ने शहर की समस्याओं को लेकर मीडिया कवरेज की तारीफ की है। वहीं इस मामले में सुनवाई के दौरान सहयोग के लिए अधिवक्ता अनन्त कासलीवाल व अधिवक्ता वैभव कासलीवाल को न्यायमित्र बनाया गया है।