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देश में पहली बार…राजस्थान हाईकोर्ट रचेगा इतिहास…दो जज 350 किलोमीटर से करेंगे सुनवाई

locationजयपुरPublished: Aug 05, 2019 07:51:20 am

Submitted by:

KAMLESH AGARWAL

Rajasthan High Court : राजस्थान हाईकोर्ट आज इतिहास बनाने जा रहा है एक ही मामले की दो जज 350 किलोमीटर दूर से सुनवाई करेंगे। पहली बार खुली कोर्ट में दो जज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई कर रहे हैं। एक दशक पुराने गुर्जर आरक्षण के पेचीदा मामले की सुनवाई जोधपुर में मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट और जयपुर में जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र भाटी करेंगे।

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देश में पहली बार…राजस्थान हाईकोर्ट रचेगा इतिहास…दो जज 350 किलोमीटर से करेंगे सुनवाई

राजस्थान हाईकोर्ट ( Rajasthan High Court ) आज इतिहास बनाने जा रहा है एक ही मामले की दो जज 350 किलोमीटर दूर से सुनवाई करेंगे। पहली बार खुली कोर्ट में दो जज वीडियो कॉन्फ्रेंस ( Video Conferencing ) के जरिए सुनवाई कर रहे हैं। एक दशक पुराने गुर्जर आरक्षण के पेचीदा मामले की सुनवाई जोधपुर में मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट और जयपुर में जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र भाटी करेंगे।
देश के इतिहास में पहली बार हाईकोर्ट की दो बेंच अलग अलग जगहों से एक ही मामले की सुनवाई करेगी। राजस्थान में इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके तहत आज जयपुर बेंच और जोधपुर पीठ में एक साथ सुनवाई हो रही है। दो अलग अलग जगहों पर बैठे जजों की खंडपीठ बनाई गई है जोधपुर से मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट और जयपुर से जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र भाटी अलग अलग जगहों पर खंडपीठ में गुर्जर आरक्षण मामले की सुनवाई। करेंगे। इसके लिए खुले न्यायालय में विशेष वीडियो कांन्फ्रेंस की सुविधा की गई है और पूरी कार्रवाई को दोनों स्थानों पर वकील और दूसरे पक्षकार सुन सकेंगे और देख भी सकेंगे। मुख्य न्यायाधीश भट्ट ने इसकी पहल की थी और पिछली सुनवाई में इस तरह का सुझाव दिया था। जिस पर महाधिवक्ता जी एस सिंघवी और याचिकाकर्ता के वक़ील डॉ अभिनव शर्मा ने सहमति दी थी। जिसके बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। शनिवार और रविवार को इसका ट्रायल किया गया और ट्रायल सफल रहने पर आज सुनवाई की तारीख तय की गई।
क्या है मामला

राज्य सरकार द्वारा राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन अधिनियम-2019 के तहत गुर्जर सहित पांच जातियों गाडिया लुहार, बंजारा, रेबारी व राइका को एमबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) में पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण देने को चुनौती दी गई है। याचिका में आरक्षण को अवैधानिक बताते हुए चुनौती दी गई है दरअसल रोस्टर के हिसाब में मुख्य न्यायाधीश जोधपुर में सुनवाई कर रहे हैं और दूसरे न्यायाधीश जयपुर में है और सुनवाई के दौरान जयपुर से वकील और पक्षकार जोधपुर जाते थे जिसकी वजह काफी समय लगता था इसी के चलते इस तरह की पहल की गई है

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