इस दिशा में कमेटी बनाने की बात कही… कृपलानी ने बैठक की अध्यक्षता के बाद मंडल अधिकारियों को नवंबर के प्रथम सप्ताह में कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नई आवास नीति के अनुसार ही आवास निर्मित किए जाए, जिसमें प्रति आवास 1.50 लाख रुपए का अनुदान मिलता है। कृपलानी ने प्रदेश में उपलब्ध लैंड बैंक के अनुसार पीपीपी मोड पर आवासों के निर्माण की योजना बनाने के लिए तीनों अतिरिक्त मुख्य अभियंता, वरिष्ठ नगर नियोजक एवं तहसीलदार की एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए है। इस मामले पर कमेटी सात दिन में कार्य योजना प्रस्तुत करेगी।
आवास नहीं लिया तो पंजीकरण होगा निरस्त… प्रदेश में आवास मण्डल के अनिस्तारित आवासों के शीघ्र निस्तारण करने के लिए कृपलानी ने निर्देश देते हुए लंबित पंजीकरण के आवेदकों को उपलब्ध आवास आवंटन का विकल्प देने और आवास नहीं लेने पर पंजीकरण निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाए। उन्होंने लम्बित पंजीकरणों की जांच कर आवास आवंटन की योजना बनाने के भी निर्देश दिए हैं। वहीं प्रदेश की ऐसी आवासीय कॉलोनियों जिसको स्थानीय निकाय को हस्तान्तरित नहीं किया है, उन कॉलोनियों में सड़कों की मरम्मत कराने के भी निर्देश दिए गए है।
बढ़ती लागात पर चिंता जाहिर की… इस बैठक के दौरान बोर्ड चेयमैन कृपलानी ने राजस्थान आवासान मंडल के आवासों की लगातार बढ़ रही कीमतों को लेकर अपनी चिंता भी जाहिर की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आवासों की लागत निर्धारण नीति को रिव्यू किया जाएं, जिससे कि आम लोगों को उचित दर पर आवास उपलब्ध हो सके। मण्डल के सभी आवंटियों के आवासों को जमा राशियों और सम्पूर्ण सूचना को ऑनलाइन करने, आवंटियों की बकाया राशि भी ऑनलाइन जमा करने के निर्देश दिए गए।