जयपुर। राजस्थान में भारी बारिश का दौर अभी दो दिन और चलेगा। मौसम विभाग ने इसका अलर्ट जारी किया है। मौसम केन्द्र के अनुसार, वेलमार्क लो प्रेशर आज पुन: तीव्र होकर डिप्रेशन बन गया है। वर्तमान में उत्तर-पूर्वी मध्यप्रदेश के ऊपर बना हुआ है। इसके आगामी 24 घंटों में उत्तर-पश्चिम दिशा में पश्चिमी यूपी की ओर आगे बढ़ने की प्रबल संभावना है।
पूर्वी राजस्थान के अधिकांश भागों में आगामी 3-4 दिन मानसून सक्रिय रहने व मध्यम से तेज बारिश होने की संभावना है। कोटा, जयपुर, भरतपुर व अजमेर संभाग में कहीं-कहीं भारी, अतिभारी बारिश का दौर 12-13 सितंबर को भी जारी रहने की संभावना है।
इधर, बुधवार को भी पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश धौलपुर में हुई। धौलपुर के राजाखेड़ा में पांच इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है। भारी बारिश के बाद लोगों के घरों में पानी घुस गया। हाल ये था कि लोग घरों में कैद होकर रह गए। धौलपुर शहर में 71 और झालावाड़ के अकलेरा में 75 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
अजमेर और धौलपुर में स्कूलों की छुट्टी
तेज बरसात और बाढ़ की सम्भावना को देखते हुए अजमेर जिले के विद्यालयों में गुरुवार को अवकाश घोषित किया गया है। जिला कलक्टर लोकबंधु ने बताया कि मौसम विभाग ने जिले के लिए भारी बारिश एवं बाढ़ की सम्भावना का अलर्ट जारी किया है। विद्यार्थियों को अनहोनी घटना से बचाने के लिए जिले के समस्त राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों में सोमवार को अवकाश रहेगा। अवकाश केवल विद्यार्थियों के लिए लागू होगा। शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ को यथावत जाना होगा। वहीं धौलपुर में तेज बारिश को देखते हुए जिला कलक्टर ने जिले में आगामी आदेश तक कक्षा एक से बारह तक कक्षाओं की छुट्टी कर दी है।
छीपाबड़ौद में 3.2 इंच बारिश, कोटा में बादल छाए रहे
हाड़ौती अंचल के बारां जिले में अच्छी बरसात हुई। बारां शहर समेत जिलेभर में बरसात का दौर जारी रहा। लगातार हो रही बरसात से जनजीवन के साथ फसलों में भी नुकसान की स्थिति बनती जा रही है। सर्वाधिक बरसात छीपाबड़ौद में दर्ज की गई है। छीपाबड़ौद में 86 एमएम, अटरू में 50 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
नौनेरा बांध से छोड़ा पानी, टेस्टिंग सफल
बूढ़ादीत पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी-ईआरसीपी) के तहत कालीसिंध नदी पर बने नौनेरा बांध के बुधवार को सभी 27 गेट अलग-अलग समय में खोलकर टेस्टिंग का काम पूरा कर लिया। अब बांध पूरी तरह खाली कर दिया जाएगा, इसलिए बांध के 17 गेट एक साथ खोलकर 3.50 लाख क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई। अभी इस बांध से ईसरदा व अन्य बांधों को भरने के लिए बनाई जानी वाली टनल का काम शुरू नहीं हुआ है। जलापूर्ति के लिए इंटकवैल का भी काम पूरा नहीं हुआ है।
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