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राजस्थान सूचना आयोग के इतिहास में पहला मौका, व्हाट्सएप से सुनवाई, एक दिन में अपील पर फैसला

locationजयपुरPublished: Jun 02, 2020 05:14:48 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

कोरोना महामारी काल में राजस्थान सूचना आयोग ने मंगलवार को सूचना आवेदक की स्वतंत्रता से जुड़े एक मामले में व्हाट्सएप से सुनवाई की और अपील दर्ज होने के एक ही दिन में फैसला सुनाया।

Rajasthan Information Commission: Hearing from whatsapp

कोरोना महामारी काल में राजस्थान सूचना आयोग ने मंगलवार को सूचना आवेदक की स्वतंत्रता से जुड़े एक मामले में व्हाट्सएप से सुनवाई की और अपील दर्ज होने के एक ही दिन में फैसला सुनाया।

जयपुर। कोरोना महामारी काल में राजस्थान सूचना आयोग ने मंगलवार को सूचना आवेदक की स्वतंत्रता से जुड़े एक मामले में व्हाट्सएप से सुनवाई की और अपील दर्ज होने के एक ही दिन में फैसला सुनाया। आयोग के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी अपील का एक ही दिन में फैसला किया गया। मुख्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने बाड़मेर निवासी भगवानसिंह की द्वितीय अपील पर यह फैसला करते हुए बाड़मेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक को नसीहत दी कि वे किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में 48 घंटे में सूचना देने के प्रति सावचेती बरतें।
बाड़मेर निवासी भगवानसिंह ने सोमवार 1 जून को ही व्हाट्सएप के जरिए सूचना आयोग में द्वितीय अपील की थी। भगवानसिंह को अपने खिलाफ पुलिस थाना रामसर, जिला बाड़मेर में दर्ज एक प्रकरण में गिरफ्तारी की आशंका थी। इसलिए उन्होंने बाड़मेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से 15 मई को आरटीआई दायर कर एफआईआर व थाने के रोजनामचे की प्रतियां 48 घंटे में चाहीं थी ताकि उसकी गिरफ्तारी से बचाव हो सके।
पुलिस ने 48 घंटे के बजाय 22 मई को आवेदन का निस्तारण किया और रोजनामचे की प्रति देने से इनकार कर दिया।

भगवानसिंह ने पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर को प्रथम अपील दायर की लेकिन 30 मई तक उस पर भी सुनवाई नहीं हुई। इस पर उसने सूचना आयोग में व्हाट्सएप पर 1 जून को द्वितीय अपील दाखिल की। आयोग ने तत्काल नोटिस जारी कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बाड़मेर खींवसिंह भाटी से स्पष्टीकरण मांगा और 2 जून को सुनवाई तय की।
आयोग का नोटिस मिलने पर पुलिस ने 1 जून की शाम ही भगवानसिंह को देने योग्य सूचना दे दी। आयोग ने आज व्हाट्सएप पर सुनवाई की तो भगवानसिंह ने सूचना मिलने की बात स्वीकार करते हुए आयोग को धन्यवाद दिया।
मुख्य सूचना आयुक्त आशुतोष ने अपील का निस्तारण करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक बाड़मेर को चेतावनी दी कि भविष्य में जीवन व स्वतंत्रता से जुड़ी सूचनाएं 48 घंटे में देना सुनिश्चित करें।
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