आधी रात को बंदियों की सैल में पहुंचे जेल अफसर.... ये गलत काम कर रहे थे बंदी
जेल से कुछ दिन पहले ही आसाराम को कई शारीरिक जांचों के लिए जोधपुर अस्पताल लाया गया था और उसके बाद अगले दिन वापस भेजा गया था। इस दौरान देश भर से आए उनके समर्थकों का जमावड़ा अस्पताल और जेल के बाहर लगा रहा था।

जयपुर
प्रदेश की जेलों में चल रहे आॅपरेशन फ्लश आउट के दौरान पहली बार बड़ा एक्शन लिया गया है। देश की दूसरी सबसे सुरक्षित जेल मानी जाने वाली जोधपुर सेंट्रल जेल से बुधवार आधी रात के बाद बंदियों की तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में स्मार्ट फोन और चार्जर बरामद हुए हैं।
जबकि जेल में छह मोबाइल फोन जैमर लगे हुए हैं। जोधपुर जेल में हुए इस एक्शन के बारे में आज सवेरे जब जेल मुख्यालय के अफसरों को पता चला तो इतनी बड़ी संख्या में बरामदगी सुनकर वे भी चैंक गए। जोधपुर जेल प्रबंधन ने इस मामले को लेकर रातानाड़ा थाने में बंदियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही राजस्थान की जेलों को उनके मैनेजमेंट के लिए देशभर में पहला स्थान मिला है।
जोधपुर जेल प्रबध्ंान ने बताया कि बंदियों के पास से 17 मोबाइल फोन और 18 जार्चर बरामद हुए हैं। बंदियों ने बिस्तरों में, कपड़ों में और अन्य जगहों पर इन्हें छुपाया था। लगभग सभी फोन वायब्रेशन मोड पर थे ताकि फोन बजने पर जेल प्रबंधन को रिंग टोन नहीं सुनाई दे सके। जोधपुर जेल से कुछ दिन पहले ही आसाराम को कई शारीरिक जांचों के लिए जोधपुर अस्पताल लाया गया था और उसके बाद अगले दिन वापस भेजा गया था।
इस दौरान देश भर से आए उनके समर्थकों का जमावड़ा अस्पताल और जेल के बाहर लगा रहा था। जेल प्रबंधन अब उन लोगों को तलाश रहा है जिनकी मदद से ये मोबाइल फोन जेल के अंदर गए हैं।
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