दोनो डोज लेने वाले परिजन ही मिल सकेंगे बंदी सेए प्रमाण दिखाना होगा
आदेशों के मुताबिक 17 फरवरी से परिजन एमित्र और वकील बंदियों से मुलाकात कर सकेंगे । प्रदेश में जेलों में बंद विचाराधीन बंदियों को 15 दिन में एक बार और सजायाफ्ता बंदियों को महिने में एक बार मुलाकात करवाई जाएगी । बंदी से मुलाकात के लिए आने वाले लोगों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगी होना अनिवार्य होगा । मुलाकात के समय इसका प्रमाण पत्र दिखाना होगा । नियम के मुताबिक एक बार में एक ही परिजन मिल पाएगा और मुलाकात का समय 15 मिनट का होगा । मुलाकात के समय बंदी और परिजन मास्क लगाएंगे । मुलाकात कक्ष और उपकरण प्रत्येक मुलाकात के बाद सैनेटाइज किए जाएंगे ।
आदेशों के मुताबिक 17 फरवरी से परिजन एमित्र और वकील बंदियों से मुलाकात कर सकेंगे । प्रदेश में जेलों में बंद विचाराधीन बंदियों को 15 दिन में एक बार और सजायाफ्ता बंदियों को महिने में एक बार मुलाकात करवाई जाएगी । बंदी से मुलाकात के लिए आने वाले लोगों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगी होना अनिवार्य होगा । मुलाकात के समय इसका प्रमाण पत्र दिखाना होगा । नियम के मुताबिक एक बार में एक ही परिजन मिल पाएगा और मुलाकात का समय 15 मिनट का होगा । मुलाकात के समय बंदी और परिजन मास्क लगाएंगे । मुलाकात कक्ष और उपकरण प्रत्येक मुलाकात के बाद सैनेटाइज किए जाएंगे ।
फोन और वीडियो काॅल से मुलाकात का आॅप्शन भी रहेगा जारी
इसके अलावा बंदियों को फोन और वीडियो कॉलिंग की सुविधा भी जारी रहेगी । प्रदेश की सभी सेंट्रल जेलों और तीस अन्य जेलों में वीडियो काॅल की प्रकिया शुरु कर दी गई है और यह तेजी से पूरे प्रदेश में लागू की जा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश की जेलों में करीब 23 हजार बंदी है। जिनमें से करीब 3 हजार ओपन जेल कैंप में हैं। प्रदेश की जेलों में फैले कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जेल प्रशासन की ओर से बंदियों की मुलाकात पर दिवाली बाद रोक लगाई गई थी ।
इसके अलावा बंदियों को फोन और वीडियो कॉलिंग की सुविधा भी जारी रहेगी । प्रदेश की सभी सेंट्रल जेलों और तीस अन्य जेलों में वीडियो काॅल की प्रकिया शुरु कर दी गई है और यह तेजी से पूरे प्रदेश में लागू की जा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश की जेलों में करीब 23 हजार बंदी है। जिनमें से करीब 3 हजार ओपन जेल कैंप में हैं। प्रदेश की जेलों में फैले कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जेल प्रशासन की ओर से बंदियों की मुलाकात पर दिवाली बाद रोक लगाई गई थी ।