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राजस्थान में सरकारी विभाग का बड़ा घोटाला आया सामने, ‘खरी’ दिखा कर पास करा ली घटिया केबल, पढ़ें रिपोर्ट

locationजयपुरPublished: Jun 26, 2019 06:33:56 pm

Submitted by:

rohit sharma

Jaipur Vidyut Vitran Nigam Limited Cable Scam : Jaipur Discom में बिजली की घटिया केबल को खपाने का खेल चल रहा है। मानकों के विपरीत ऐसी केबल को जांच में खरा उतारने के लिए पहले तो केबल बदल दी और उसके जरिए पूरे 25 किलोमीटर लम्बी केबल सैंपल को पास करा लिया। फिर उसी घटिया केबल के उपयोग की लिए तैयारी कर ली।

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राजस्थान में सरकारी विभाग का बड़ा घोटाला पकड़ा, ‘खरी’ दिखा कर पास करा ली घटिया केबल

जयपुर।

Jaipur Discom में बिजली की घटिया केबल को खपाने का खेल चल रहा है। मानकों के विपरीत ऐसी केबल को जांच में खरा उतारने के लिए पहले तो केबल बदल दी और उसके जरिए पूरे 25 किलोमीटर लम्बी केबल सैंपल को पास करा लिया। फिर उसी घटिया केबल के उपयोग की लिए तैयारी कर ली।
सेन्ट्रल लैब में हुई जांच प्रक्रिया में शामिल सहायक अभियंता ने इसे पकड़ा तो बड़ा खुलासा हुआ। सामने आया कि इस खेल में डिस्कॉम के कर्मचारियों को शामिल किया गया। इसके बाद उच्चाधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई। तत्काल तीन हैल्पर को सस्पेंड किया और एक सहायक व एक कनिष्ठ अभियंता का तबादला कर दिया गया। जांच सतर्कता शाखा के मुखिया को सौंपी गई है। हालांकि, उच्च स्तर पर दबाव के चलते बड़ा एक्शन नहीं लिया गया है। जबकि, निलंबित और फिर एपीओ हुए कर्मचारियों ने अपने बयान में स्पष्ट लिखा है कि यहां पहले भी अनेक सैंपल बदले गए हैं।

शक हुआ तो दोबारा जांच, फिर खुला राज

बारां से केबल का ड्रम जांच के लिए आया था। इस में से करीब 5 मीटर लम्बी केबल ली गई। इसी दौरान कथित रूप से लिप्त कर्मचारियों ने दूसरी केबल पहले से तैयार कर रखी थी। ड्रम में से काटी गई केबल की बजाय बाहर से लाई गई केबल को जांच के लिए भेज दिया, जो पास हो गई। इस बीच सहायक अभिंयता रीना राजपूत को शक हुआ। उन्होंने ड्रम में से फिर केबल कटवाई और जांच की तो उसमें सैम्पल फेल हो गया।
जवाब मांगते सवाल…
— कर्मचारियों के बयान में ऐसे कई सैंपल बदलने की बात सामने आई है। ऐसे में उन कार्यों की जांच क्यों नहीं करवाई जा रही जो पिछले कुछ माह में हुए हैं।
— ये कैसे संभव है कि लगातार सैंपल बदलते रहे हों और उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं हो। या फिर कर्मचारी झूठ बोल रहे हैं।
— कर्मचारियों के बयान में करीब-करीब एक जैसे तथ्य हैं और भाषा भी वैसी ही है। इसमें सहायक अभियंता की लिप्तता स्वीकारी है। लेकिन इसमें अभियंता को क्या लोभ था और इसमें अनुबंधित फर्म की भूमिका कितनी रही।
सभी 25 ड्रम फेल

बारां में केबल डालने का काम होना था। इसके लिए ठोलिया केबल्स प्रा. लि. कंपनी ने केबल के 25 ड्रम सप्लाई किए। इसमें से 1 ड्रम जांच के लिए यहां टेस्टिंग लेब में आया। अब सभी ड्रम को मानकों के विपरित मानते हुए फेल कर दिया गया है। कंपनी ने 50 अन्य ड्रम भी सप्लाई किए हैं, जो अलग हैं।
पहले सस्पेंड, फिर एपीओ

हेल्पर सतीश त्रिपाठी, चंद्रप्रकाश के अलावा मीटर टेस्टर (एमटीआर) महेंद्र सैनी को पहले तो सस्पेंड किया गया लेकिन जब मामला ज्यादा बढ़ गया तो एपीओ के आदेश जारी हुए। यह आदेश सीधे बोर्ड ऑफिस से जारी हुए। वहीं सहायक अभियंता अनिल गौतम को टोंक के लिए और कनिष्ठ अभियंता अरविंद कुमार को दौसा के लिए एपीओ किया गया। हालांकि, दोनों अभियन्ता को तबादला सामान्य प्रक्रिया बताया गया है। बताया जा रहा है कि जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन गौतम छुट्टी पर थे।
कब क्या हुई घटना

— 1 जून को केबल की टेस्टिंग हुई – 1 जून को ही उच्चाधिकरियों के पास घालमेल की शिकायत पहुंची
— 4 जून को सहायक अभियंता (सीटीएल) ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट सौंपी, जिसमें तीन कर्मचारियों के शामिल होना स्वीकारना अंकित किया
— 4 जून को दो हेल्पर और एक मीटर टेस्टर के सस्पेंड के आदेश हुए।
— 5 जून को सहायक और कनिष्ठ अभियंता का तबादला किया गया।
— 17 जून को सस्पेंड तीनों कर्मचारियों को एपीओ करने के बोर्ड ऑफिस से आदेश जारी हुए

घनी आबादी में लेते हैं काम

इस एबी केबल को सिंगल फेज सिस्टम के रूप में काम में लिया जाता है, जो ट्रांसफार्मर से पोल तक पहुंचती है। ज्यादातर घनी आबादी या कच्ची बस्ती इलकों में यह केबल काम में ली जाती है। कारण, इन इलाकों में बिजली चोरी की आशंका ज्यादा रहती है। इस केबल के जरिए चोरी नहीं हो पाने की स्थिती तैयार करते हैं।
बयान में – एक को बताया जिम्मेदार…

इस मामले में एपीओ तीनों कर्मचारियों ने लिखित बयान दिया है। इसमें लिखा है कि कनिष्ठ अभियंता अरविंद कुमार के कहने पर उन्होंने केबल बदली है और ऐसा कई बार हुआ है।
वहीं, सहायक अभियंता रीना राजपूत को इस घटनाक्रम की किसी तरह की जानकारी नहीं होने की जानकारी बताई। रीना राजपूत ने ही इस मामले की पकड़ा।

लैब में केबल बदलने की पुष्टि हुई है, जिसके बाद तीन कर्मचारियों को सस्पेंड के बाद एपीओ भी करा गया है। जांच डिप्टी एसपी (सतर्कता) को सौंपी गई है। जांच के बाद ही साफ होगा कि इसमें और कौन—कौन शामिल हैं।
—जी.एस. पाठक, अधीक्षण अभियंता (इंस्पेक्शन एण्ड टेस्टिंग), जयपुर डिस्कॉम
सहायक अभियंता इन केबल बदलने की घटना को पकड़ा है। उसी आधार पर उच्च स्तर पर जांच की जा रही है। फिलहाल तीन कर्मचारियों को एपीओ किया है। दोनों अभियंता का स्थानांतरण सामान्य प्रक्रिया के तहत किया गया है।
—वाई.के. एरन, अधिशासी अभियंता (सेन्ट्रल टेस्टिंग लैब), जयपुर डिस्कॉम

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