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पानी वाळा मंत्रीजी रा गांव ई तिरसा, पछै किणसूं करां आस, सुणवाई ही कोनी

locationजयपुरPublished: Nov 01, 2018 09:52:53 pm

Submitted by:

rohit sharma

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Rajasthan ka ran

Rajasthan ka ran

चैनराज भाटी की रिपोर्ट…

नागौर, अजमेर व जोधपुर की सरहद पर आबाद जैतारण विधानसभा क्षेत्र। जहां, कृष्णभक्त मीरां की जन्म स्थली कुड़की भी है, तो जैन संत मरूधर केसरी मिश्रीमल का समाधि स्थल भी। जैतारण से पांच बार से विधानसभा चुनाव जीत चुके सुरेंद्र गोयल राज्य के जलदाय मंत्री भी हैं। पाली से चण्डावल के बाद जैतारण विधानसभा के पहले गांव चावण्डिया में थड़ी पर स्थानीय लोगों के साथ राजनीति पर चर्चा छिड़ी हुई थी।
पूर्व सरपंच और स्थानीय विधायक के समर्थक जसाराम बोल पड़े सरकार ने विकास की कोई कमी नहीं रखी। पास में बैठे अमराराम, जवरीलाल, जीवनराम, रुस्तम, भंवरलाल और मांगीलाल ने पहले तो हां में हां मिलाई। पूर्व सरपंच विधायक की तरफदारी ज्यादा ही करने लगे तो जवरीलाल और रुस्तम ने टोक दिया। जवरीलाल बोले, गांव की स्कूल पिछले राज में क्रमोन्नत हुई थी। जीवनराम बोले-इस बार प्रत्याशी का नाम देख मोहर लगाएंगे। भंवरलाल ने कहा कि समस्याएं अब भी बनी हुई है। सिर्फ आश्वासन मिलता है। चावण्डिया गांव में अब भी रात में पूरी बिजली नहीं मिलती।
आगे निकले तो आगेवा गांव में मिले नेमाराम ने कहा कि रात में बिजली चली जाती है तो सुबह ही आती है। घीसाराम ने बिजली के साथ पानी की समस्या जोड़ते हुए कहा कि पानी की पाइप लाइन निकल गई, लेकिन पानी अब तक नहीं मिला।
मेगा हाईवे पर खेतों में काम कर महिला श्रमिक गोमती बाई, शांति, कालूराम से बात हुई। समस्या यह कि नगर पालिका वार्ड के एरिया में बेरे आए हुए है, लेकिन आजादी के बाद कई बेरों पर सड़कें नहीं बनी। रोड लाइट आधे बेरों पर ही है। जैतारण फौजी चौराहा पहुंचे, यहां सियासत की बात की तो बाबूलाल ने कह दिया कि विधायक ने खूब काम किया। सड़कें, पानी, बिजली सहित विकास की गंगा बहाई है। हालांकि, पोकरराम ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सीवरेज का काम आधे इलाके में ही हुआ। सड़कें आधी बनी ही नहीं। चुनाव आए तो वादे किए जा रहे हैं। पहले वाले वादे निभाए नहीं गए। इससे अच्छा तो पहले वाला राज था।
प्राइवेट बस स्टैण्ड पर चाय की दुकान पर गांव के लोग बैठे थे। विकास का मुद्दा छेड़ा तो राजूराम का करारा जवाब था कि आप खुद ही शहर में घूमकर देख लो पता चल जाएगा। रामस्वरूप का गुस्सा भी वाजिब लगा। उन्होंने कहा कि सीवरेज का काम आधा हुआ। सड़कें वापस बनी नहीं। रोज हादसे हो रहे हैं, भ्रष्टाचार चरम पर है कोई सुनने वाला नहीं है। मदनलाल बोले कि इतना विकास मौजूदा विधायक ने ही करवाया है। पहले तो कुछ नहीं था।
मौके से गुजर रहे एक शख्स रुक गए और कहा कि अस्पताल में चिकित्सक नहीं है। छोटे मोटे इलाज के लिए जोधपुर व अजमेर भागना पड़ता है। जवाई का पानी आ गया, लेकिन मीठा पानी अब भी सपना है। जलदाय मंत्री का क्षेत्र हो और पानी भी पर्याप्त न मिले तो ग्रामीणों की पीड़ा स्वाभाविक है। यही गुस्सा आनंदपुर कालू के राधेश्याम की बातों में भी साफ दिखा। उन्होंने कहा कि जवाई पाइप योजना से 125 गांवों को पानी मिलना था, लेकिन मिला सिर्फ 24 को ही। ठेठ देहाती भाषा में कहा कि, ‘अठै तो पानी वाळा मंत्रीजी रा गांव ही तिरसा है, पछै किणसूं करां आस। कोई सुणवाई ही कोनी।’ ग्रामीणों का कहना है जलदाय मंत्री सिर्फ आश्वासनों से ही काम चलाते रहे। जैतारण कस्बे की टूटी सड़कों से होते हुए जयपुर हाइवे पर गए। रास्ते में कॉलेज के बाहर होटल पर बैठे एक युवा ने कहा, कॉलेज में व्याख्ताओं की कमी है।
निमाज गांव के बस स्टैंड पर रामेश्वरलाल सड़कों से नाखुश दिखे तो चंपालाल ने विधायक के काम को सराहा। आगे गांव बर तिराहे पर गृहिणी आशा बताया कि बर पीएचसी को आदर्श पीएचसी घोषित कर रखा है, लेकिन महिला चिकित्सक नहीं है। गणपतलाल माली ने बताया कि बिजली पूरी नहीं मिलती। राजेश ने कहा कि ठीक-ठाक काम हुआ है। बर तिराहे से पास के गांव सेंदड़ा पहुंचे। यहां लक्ष्मणराम आहुजा मिले। उन्होंने सेंदड़ा और मगरा क्षेत्र को विकास से दूर बताया।

क्षेत्र की आवश्यकताएं

सीवरेज अधूरी, सड़कें खराब।
जवाई से मीठा पानी नहीं मिला।
मगरा में बिजली, मोबाइल और रोडवेज सुविधा नहीं।
जैतारण अस्पताल में कम डॉक्टर, सोनोग्राफी बंद, सर्जन नहीं
स्कूलें क्रमोन्नत नहीं, जैतारण कॉलेज में व्याख्याताओं के पद खाली।
सेंदड़ा गांव में फोरलेन बनने के बाद रोडवेज नहीं आती।
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