सवाल- मतदान में अब एक माह भी नहीं बचा, पार्टी की क्या चुनावी तैयारी है? हम दो साल से चुनाव की तैयारी में लगे हैं। महासंपर्क अभियान चलाया, प्रशिक्षण अभियान चला, विस्तारक योजना शुरु की। विधानसभावार इनकी ड्यूटी लगाई गई। एससी-एसटी के भी विस्तारक लगाए गए हैं। सभी मिलकर काम कर रहे हैं।
सवाल- हर पांच साल बाद सरकार बदलने की परिपाटी बदलेगी?
हमारा कार्यकर्ता घर-बार छोड़कर पार्टी का काम कर रहा है। कार्यकर्ता की ताकत के आधार पर कहता हूं कि इस बार फिर से भाजपा की सरकार बनेगी। कुछ सालों से जो मिथक बना है वो इस बार टूट जाएगा।
सवाल- हर पांच साल बाद सरकार बदलने की परिपाटी बदलेगी?
हमारा कार्यकर्ता घर-बार छोड़कर पार्टी का काम कर रहा है। कार्यकर्ता की ताकत के आधार पर कहता हूं कि इस बार फिर से भाजपा की सरकार बनेगी। कुछ सालों से जो मिथक बना है वो इस बार टूट जाएगा।
सवाल- मोदी लहर में हारे हुए को भी टिकट मिलेगा?
टिकट सिर्फ कार्यकर्ता को ही दिया जाएगा। मोदी लहर में हारे हुए कुछ नेताओं ने अच्छा काम किया है। उनका फील्ड वर्क देखकर ही टिकट तय करेंगे। वह कार्यकर्ता जो पार्टी के लिए काम करता रहा है और जीतने का भी गणित ठीक है तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी।
टिकट सिर्फ कार्यकर्ता को ही दिया जाएगा। मोदी लहर में हारे हुए कुछ नेताओं ने अच्छा काम किया है। उनका फील्ड वर्क देखकर ही टिकट तय करेंगे। वह कार्यकर्ता जो पार्टी के लिए काम करता रहा है और जीतने का भी गणित ठीक है तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी।
सवाल- फीडबैक के आधार कुछ मंत्री जीत नहीं रहे, क्या उनकी सीट बदलेंगे?
आपको बता रहे हैं कि सीट बदलने की अनुमति नहीं मिलेगी। हम अनुमति दे भी नहीं रहे। कभी-कभी अपवाद जरूर हो सकता है।
आपको बता रहे हैं कि सीट बदलने की अनुमति नहीं मिलेगी। हम अनुमति दे भी नहीं रहे। कभी-कभी अपवाद जरूर हो सकता है।
सवाल- चुनाव आए और राममंदिर मुद्दा भी फिर आ गया है?
राम मंदिर तो बनना ही चाहिए, यह आस्था का प्रश्न है। भाजपा इसका शांतिपूर्वक हल करना चाहती है। जहां तक शहरों का नाम बदलने की बात है, अच्छा है कि ऐसा हो रहा है। एक कालखंड आया, जिसमें नाम बदले गए। वे नाम समाज को अपमानित करने वाले नाम थे। इन नामों से ऐसा संदेश जाता था कि हम पराजित हुए हैं।
राम मंदिर तो बनना ही चाहिए, यह आस्था का प्रश्न है। भाजपा इसका शांतिपूर्वक हल करना चाहती है। जहां तक शहरों का नाम बदलने की बात है, अच्छा है कि ऐसा हो रहा है। एक कालखंड आया, जिसमें नाम बदले गए। वे नाम समाज को अपमानित करने वाले नाम थे। इन नामों से ऐसा संदेश जाता था कि हम पराजित हुए हैं।
सवाल- क्या सैनी समेत ओबीसी वोटबैंक पर गहलोत का प्रभाव है?
गहलोत वरिष्ठ नेता है, पर सैनी समाज पहले भी भाजपा के साथ था, जब गहलोत सीएम थे। मैं सामान्य परिवार से हूं व गरीबों के साथ काम किया है। सैनी समाज हो या अन्य लोग, वे भाजपा की तरफ हैं। मैं 1967 से गरीबों के साथ रहा हूं। मैं गरीबों का आकर्षण हूं।
गहलोत वरिष्ठ नेता है, पर सैनी समाज पहले भी भाजपा के साथ था, जब गहलोत सीएम थे। मैं सामान्य परिवार से हूं व गरीबों के साथ काम किया है। सैनी समाज हो या अन्य लोग, वे भाजपा की तरफ हैं। मैं 1967 से गरीबों के साथ रहा हूं। मैं गरीबों का आकर्षण हूं।
सवाल- क्या कुछ विधायकों के टिकट कटेंगे?
कई बार व्यक्तिगत व स्वास्थ्य कारणों से विधायक चुनाव नहीं लडऩा चाहता। कई ऐसे भी हैं, जो योग्य हैं और विधायक भी हैं, पर जीत नहीं सकते। उनको टिकट नहीं मिलेगा। जल्द आकलन करेंगे।
कई बार व्यक्तिगत व स्वास्थ्य कारणों से विधायक चुनाव नहीं लडऩा चाहता। कई ऐसे भी हैं, जो योग्य हैं और विधायक भी हैं, पर जीत नहीं सकते। उनको टिकट नहीं मिलेगा। जल्द आकलन करेंगे।
सवाल- कांग्रेस में सीएम का फेस नहीं है और आप उसे भुनाने की कोशिश कर रहे हैं?
हम इसे मुद्दा नहीं बना रहे। जनता पूछ रही है कि दूल्हा कौन है। हमने हमारा नेता घोषित कर दिया। उनके पास सर्वमान्य नेता नहीं है। कभी गहलोत तो कभी पायलट को सीएम का चेहरा बनना चाहते हैं। जनता में इससे भ्रम पैदा किया जा रहा है।
हम इसे मुद्दा नहीं बना रहे। जनता पूछ रही है कि दूल्हा कौन है। हमने हमारा नेता घोषित कर दिया। उनके पास सर्वमान्य नेता नहीं है। कभी गहलोत तो कभी पायलट को सीएम का चेहरा बनना चाहते हैं। जनता में इससे भ्रम पैदा किया जा रहा है।
सवाल- चर्चा है, सैनी नहीं पार्टी कोई ओर चला रहा है?
कार्यकर्ता ही पार्टी चलाता है। कार्यकर्ता के नाते ही मैं प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी का नेतृत्व कर रहा हूं। इसलिए और कोई है तो वह बूथ का कार्यकर्ता है, जो मेरे साथ खड़ा है।
कार्यकर्ता ही पार्टी चलाता है। कार्यकर्ता के नाते ही मैं प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी का नेतृत्व कर रहा हूं। इसलिए और कोई है तो वह बूथ का कार्यकर्ता है, जो मेरे साथ खड़ा है।
सवाल- पायलट का आरोप है कि प्रदेश में पांच साल में काम नहीं हुए? राहुल गांधी व सचिन पायलट जैसे झूठे आदमी इस देश में दूसरे हुए ही नहीं। इस बार वसुंधरा राजे ने किसानों का कर्ज माफ किया। इन नेताओं में जानकारी का अभाव और झूठ बोलने की प्रवृत्ति है। मैं खुद किसान हूं, मुझे नहीं लगता पायलट ने कभी खेती की होगी।
सवाल- मोदी-शाह की सभाएं इस बार कम क्यों?
अन्य प्रांतों में भी चुनाव हैं। जहां पहले चुनाव हैं, वहां उनकी सभाएं हो रही हैं। इसलिए कम सभाएं मिली हैं। हम आग्रह कर रहे हैं कि मोदी और शाह की कुछ और सभाएं मिल सकें।
अन्य प्रांतों में भी चुनाव हैं। जहां पहले चुनाव हैं, वहां उनकी सभाएं हो रही हैं। इसलिए कम सभाएं मिली हैं। हम आग्रह कर रहे हैं कि मोदी और शाह की कुछ और सभाएं मिल सकें।